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आगजनी हादसे के बाद इन नवजातों के सौंपे शव, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दम घुटने की पुष्टि, डाक्टरों ने बताया बीमारी से मौत

अस्पताल प्रबंधन अभी हादसे में चार नवजातों की मौत ही बता रहा है। आग लगने की घटना के बाद से अब तक 11 नवजातों की मौत हो चुकी है।आग की घटना की वजह से शव पूरी तरह से काला पड़ गया था। धुआं शरीर पर साफ दिखाई दे रहा था।

By Priti JhaEdited By: Published: Thu, 11 Nov 2021 11:14 AM (IST)Updated: Thu, 11 Nov 2021 11:14 AM (IST)
आगजनी हादसे के बाद इन नवजातों के सौंपे शव, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दम घुटने की पुष्टि, डाक्टरों ने  बताया बीमारी से मौत
आगजनी हादसे के बाद इन नवजातों के सौंपे शव,

भोपाल, जेएनएन। भोपाल के हमीदिया अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद अब प्रशासन अपनी नाकामी छिपाने के लिए मासूमों की मौतों पर बहाने बना रहा है। चार दिन की नवजात बेबी आफ ललिला की मौत की पुष्टि डाक्टरों ने की। स्वजन पोस्टमार्टम कराने पर अड़ गए। डाक्टरों ने कहा कि मौत बीमारी से हुई है, न की आग लगने की घटना के चलते। बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद शव स्वजन को सौंपा गया।

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मालूम हो कि अस्पताल प्रबंधन अभी हादसे में चार नवजातों की मौत ही बता रहा है। आग लगने की घटना के बाद से अब तक 11 नवजातों की मौत हो चुकी है। आग की घटना की वजह से शव पूरी तरह से काला पड़ गया था। धुआं शरीर पर साफ दिखाई दे रहा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सामने आया है कि नवजात की मौत दम घुटने से हुई है। इस तरह अब तक पांच नवजातों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दम घुटने की पुष्टि हो चुकी है। इनमें दो के तो फेफड़े में भी धुएं की कालिख मिली है।

अचानक कैसे बिगड़ी हालत

एक और पीड़िता ने बताया कि 14 दिन से बच्चा पूरी तरह से ठीक था, फिर अचानक ऐसा क्या हुआ कि उसने दम तोड़ दिया। सुल्तानिया अस्पताल में 26 अक्टूबर को बच्चे का जन्म हुआ था। 14 दिन के बच्चे की बुधवार दोपहर तीन बजे मौत हो गई। अस्पताल प्रबंधन इसे भी बीमारी से मौत मान रहा है।

वहीं भोपाल की रचना ने एक निजी अस्पताल में दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। इनमें एक बच्चे की मौत को अस्पताल प्रबंधन ने आग की घटना की वजह से माना, जबकि दूसरे की मौत की वजह बीमारी बताया। हादसे के वक्त दोनों बच्चे एक ही वार्मर पर भर्ती थे। उन्होंने कहा कि दूसरे बच्चे की मौत भी धुएं के कारण दम घुटने से हुई है।

अभी बेटे मुंह भी नहीं देखा था

एक स्वजन ने बताया कि शादी के तीन साल बाद मेरा यहां बेटा पैदा हुआ था। सोचा था अस्पताल से छुट्टी होगी तो जी भरकर उसे प्यार करूंगा। अभी तो मैने उसे ठीक से देखा तक नहीं था। मैं भोपाल का रहने वाला हूं। पत्नी ललिता ने रविवार को जेपी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था। डाक्टरों ने सोमवार को हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया था। आग की घटना के पहले ही हम हमीदिया पहुंच गए थे। मेरा बेटा अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की भेंट चढ़ गया। डाक्टरों ने कहा था कि बच्चे की मौत बीमारी से हुई है। वह पोस्टमार्टम कराने को भी तैयार नहीं थे, लेकिन हम अड़ गए तब बुधवार को पोस्टमार्टम कराया। शव पूरी तरह से काला पड़ा है। साफ नजर आ रहा है की धुएं की परत चढ़ी हुई है।

अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक हादसे के कारण इनकी हुई मौत

-- बेबी आफ सोनाली, निवासी-बाग सेवनिया भोपाल, उम्र- एक दिन, भर्ती- 8 नवंबर दोपहर तीन बजे

--बेबी आफ इरफाना, निवासी-काजी कैंप भोपाल, उम्र- तीन दिन, भर्ती- दो नवंबर सुबह छह बजे

--बेबी आफ शाजिया, निवासी-शाहजहानाबाद, उम्र-नौ दिन, भर्ती- 30 अक्टूबर दोपहर 12 बजे

--बेबी आफ रचना, निवासी-जैन मंदिर रोड भोपाल, उम्र-एक दिन, भर्ती-आठ नवंबर

हादसे के बाद इन नवजातों के सौंपे शव, पर बीमारी से मौत बताया

--बेबी आफ महक, निवासी-जहांगीराबाद भोपाल, उम्र-दो दिन, भर्ती- छह नवंबर शाम 6:20 बजे, मौत- आठ नवंबर सुबह 11:10 बजे

--बेबी आफ प्रबल, निवासी-विदिशा, उम्र- तीन दिन, भर्ती-पांच नवंबर शाम 5:30 बजे, मौत- आठ नवंबर शाम 4 बजे

--बेबी आफ तरुन्न्म, निवासी-ललिता नगर भोपाल, उम्र एक दिन, भर्ती-पांच नवंबर दोपहर 3 बजे, मौत- आठ नवबंर शाम 7 बजे

--बेबी आफ निकिता, बैरसिया भोपाल, उम्र- एक दिन, भर्ती- 29 अक्टूबर दोपहर 2 बजे, मौत नौ नवंबर सुबह 8:45 बजे

इनके अलावा बेबी आफ ललिता, बेबी आफ हिना और रचना की दूसरी जुड़वा बच्ची की मौत हुई है।

नोट- मौत का समय विभाग की एचओडी डा. ज्योत्सना श्रीवास्तव के अनुसार 


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