सुसाइड नोट में 'बबली आंटी' लिख भोपाल में एक परिवार के पांच लोगों ने पीया जहर, अस्पताल में दो ने दम तोड़ा
भोपाल के आनंद नगर में एक परिवार के पांच लोगों ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की। खबर लिखे जाने तक अस्पताल में इलाज के दौरान दादी और एक पोती ने दम तोड़ दिया। अस्पताल के डाक्टर बाकी जिंदगियों को बचाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं।
भोपाल, जेएनएन। भोपाल के आनंद नगर में एक परिवार के पांच लोगों ने जहर खाकर जान देने की कोशिश की। खबर लिखे जाने तक अस्पताल में इलाज के दौरान दादी और एक पोती ने दम तोड़ दिया। अस्पताल के डाक्टर बाकी जिंदगियों को बचाने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। मौके से बरामद हुए सुसाइड नोट में जिस 'बबली आंटी' का जिक्र है, वह इलाके में सूदखोरी का कारोबार चलाती है। सूचना मिलते ही पिपलानी थाना प्रभारी अजय नायर मौके पर पहुंचे और छानबीन शुरू की।
जानकारी के मुताबिक परिवार के मुखिया संजीव जोशी, उनकी पत्नी अर्चना जोशी और संजीव जोशी की मां नंदिनी जोशी बड़ी बेटी ग्रीष्मा जोशी और छोटी बेटी पूर्वी जोशी ने जहर खाया था। संजीव पेशे से कार मैकेनिक है, जबकि उसकी पत्नी किराने की दुकान चलाती है। रात में पुलिस को इंटरनेट मीडिया के जरिए इस मामले की जानकारी लगी थी। देर रात को इन सभी को गायत्री अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उपचार के दौरान गुरुवार सुबह पूर्वी जोशी की मौत हो गई। दोपहर में नंदिनी जोशी की भी सांसों की डोर टूट गई।
शुरुआती जांच में सामने आया है कि बबली नामक एक महिला परिवार को धमका रही थी। गुरुवार शाम को भी उसने जोशी परिवार को धमकाते हुए उनके साथ गाली-गलौज की थी। ग्रीष्मा जोशी के नाम से एक सुसाइड नोट भी इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें बबली आंटी और उनकी गैंग द्वारा सताए जाने की बात लिखी है। हालांकि इस सुसाइड नोट की आधिकारिक पुष्टि होनी अभी बाकी है।
सूदखोरी का कारोबार चलाती है बबली आंटी
जोशी परिवार की बेटी ग्रीष्मा द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट में जिस 'बबली आंटी' का जिक्र है, वह इलाके में सूदखोरी का कारोबार चलाती है। उसका इलाके के लोगों में बहुत खौफ है। वह लोगों को ऊंची ब्याज दरों पर पैसा उधार देती है और यदि कोई रकम नहीं चुका पाता तो उन्हें तरह-तरह से धमकाते हुए लगातार प्रताड़ित करती है। सुनने में आया है कि उसने वसूली के लिए गुंडे भी पाल रखे हैं। जोशी परिवार भी इस सूदखोर महिला के चंगुल में फंस गया, जिन्हें वह लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रही थी। उसकी प्रताड़ना से तंग आकर आखिरकार जोशी परिवार यह आत्मघाती कदम उठाने पर मजबूर हो गया।