दो माह पुराने खिलाड़ी दे रहे दिग्गजों को टक्कर
कभी हर नेता से तीखे सवाल करने वाले आशुतोष अब दिन भर सवालों से घिरे रहते हैं, क्योंकि वह अब चुनाव लड़ रहे हैं। वह भी, देश की प्रतिष्ठित सीट चांदनी चौक से और दो दिग्गजों के सामने। मात्र दो माह पहले राजनीति में आए आशुतोष के लिए यह काम आसान नहीं है, लेकिन विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन कर चुकी आम आदमी पार्टी क
नई दिल्ली। कभी हर नेता से तीखे सवाल करने वाले आशुतोष अब दिन भर सवालों से घिरे रहते हैं, क्योंकि वह अब चुनाव लड़ रहे हैं। वह भी, देश की प्रतिष्ठित सीट चांदनी चौक से और दो दिग्गजों के सामने। मात्र दो माह पहले राजनीति में आए आशुतोष के लिए यह काम आसान नहीं है, लेकिन विधानसभा चुनाव में बेहतरीन प्रदर्शन कर चुकी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार होने के नाते वह टक्कर दे रहे हैं। उनका मुकाबला कांग्रेस के दो बार से चुनाव जीत रहे कपिल सिब्बल और भाजपा के कद्दावर नेता डॉ. हर्षवर्धन से है।
राजनीति के दो बड़े खिलाड़ियों के बीच में आशुतोष 'सेफ गेम' खेल रहे हैं। वह कांग्रेस सरकार के खिलाफ नाराजगी के मुद्दे पर सिब्बल को घेर रहे हैं तो दिल्ली नगर निगम में सत्तासीन भाजपा को क्षेत्र की गंदगी और समस्याओं के लिए दोषी ठहरा कर जनता को समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि दोनों नेता चांदनी चौक की जनता को कुछ नहीं दे पाएंगे।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विज्ञान में स्नातक करने के बाद जेएनयू से दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर आशुतोष हर वह नुस्खा आजमा रहे हैं, जिससे वह टक्कर दे सकें। बेशक आशुतोष अपने नाम के साथ गुप्ता न लिखते हों, लेकिन वैश्य समुदाय से होने के कारण उन्हें इसका थोड़ा बहुत फायदा मिल रहा है। इस संसदीय क्षेत्र में वैश्य मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है।
वहीं वह खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश का विरोध कर भी इस समुदाय में अपनी जगह बनाने की कोशिश में लगे हैं। आशुतोष अपने दौरे के दौरान महिलाओं से भी मिल रहे हैं और उन्हें यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने बिजली-पानी सस्ता किया था।