असम हिंसा के लिए मोदी जिम्मेदार नहीं
असम हिंसा के लिए भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराने के लिए शिवसेना ने कांग्रेस की कड़ी आलोचना की है। पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि इस तरह के आरोप लगाने वाले वे लोग हैं जिन्होंने देश को बांटा है।
मुंबई। असम हिंसा के लिए भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी को जिम्मेदार ठहराने के लिए शिवसेना ने कांग्रेस की कड़ी आलोचना की है। पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि इस तरह के आरोप लगाने वाले वे लोग हैं जिन्होंने देश को बांटा है। ऐसे लोगों को बाबा रामदेव के आश्रम में जाकर ध्यान लगाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है।
कांग्रेस ने मोदी को असम हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि यह सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का नतीजा है। सामना में संपादकीय के जरिये शिवसेना ने कहा,'असम जल रहा है। कश्मीर घाटी में शांति नहीं है। हमने कपिल सिब्बल को कश्मीरी हिंदू के मुद्दों को उठाते हुए कभी नहीं देखा जैसा कि वह असम के बांग्लादेशी मुस्लिमों के लिए कर रहे हैं। सिब्बल और उमर अब्दुल्ला को इस बात का भय है कि मोदी के सत्ता में आने पर बांग्लादेशियों को असम से खदेड़ दिया जाएगा और हिंदू पंडितों को पूरे सम्मान के साथ कश्मीर में लाया जाएगा।' शिवसेना ने उमर अब्दुल्ला पर कश्मीरी हिंदुओं की पीड़ा की अनदेखी करने का भी आरोप लगाया। साथ ही कांग्रेस को आत्मचिंतन करने की भी सलाह दी।
गुजरातियों के खिलाफ नहीं शिवसेना
मुंबई। 'सामना' में मुंबई के गुजराती समुदाय के खिलाफ छपे संपादकीय से शिवसेना को अलग करते हुए पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी विवादास्पद संपादकीय का समर्थन नहीं करती है।
युवा सेना के प्रमुख आदित्य ठाकरे ने कहा, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे पहले ही कह चुके हैं कि वह खुद व मुंबई के गुजराती समुदाय के बीच कोई भेद नहीं मानते हैं और न ही पार्टी या नेतृत्व की ओर से ऐसे किसी विचार को समर्थन देते हैं। हम एक मई को छपे संपादकीय का समर्थन नहीं करते।
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