सिब्बल ने गुजरात जाकर उछाला इशरत मामला
केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने गुजरात में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन यहां फिर इशरत जहां मुठभेड़ मामले को उठाया। उन्होंने भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी व उनके सहयोगी अमित शाह के खिलाफ मुकदमा नहीं चलने पर आश्चर्य जताया। साथ ही कहा कि दोनों को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त सुबूत हैं, लेकिन उन्हें बचाया जा रहा है। सिब्बल ने सीबीआइ को कांग्रेस की कठपुतली बताने वाली भाजपा को कहा कि वास्तव में ऐसा होता तो इस मामले में ये नेता फंसे होते।
अहमदाबाद [जासं]। केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने गुजरात में चुनाव प्रचार के आखिरी दिन यहां फिर इशरत जहां मुठभेड़ मामले को उठाया। उन्होंने भाजपा के पीएम प्रत्याशी नरेंद्र मोदी व उनके सहयोगी अमित शाह के खिलाफ मुकदमा नहीं चलने पर आश्चर्य जताया। साथ ही कहा कि दोनों को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त सुबूत हैं, लेकिन उन्हें बचाया जा रहा है। सिब्बल ने सीबीआइ को कांग्रेस की कठपुतली बताने वाली भाजपा को कहा कि वास्तव में ऐसा होता तो इस मामले में ये नेता फंसे होते।
गुजरात प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर पत्रकार वार्ता के दौरान सिब्बल ने बताया कि गुजरात में कानून व्यवस्था कितनी बिगड़ी है इसका इशरत मुठभेड़ कांड एक नमूना भर है। गुजरात पुलिस के आला अधिकारी 8 से 10 जून के बीच जावेद शेख व इशरत को इंटरसेप्ट कर पकड़ लाते हैं। 15 जून की सुबह उनकी साथियों के साथ फर्जी मुठभेड़ में मौत हो जाती है। मुठभेड़ की पूर्व रात में आइपीएस डीजी वंजारा, गृह राज्यमंत्री अमित शाह को फोन करते हैं। 15 जून को मुठभेड़ के बाद सुबह 6.10 बजे पर अमित शाह वंजारा को फोन करते हैं, इससे साबित होता है कि फर्जी मुठभेड़ एक गहरी साजिश के तहत हुई।
दो पुलिस उपाधीक्षकों ने मजिस्ट्रेट एस पी तमांग व जांच एजेंसी को दिए बयान में बताया था कि गायकवाड़ हवेली में इस मुठभेड़ की साजिश रची गई थी। आइपीएस जीएल सिंघल मुठभेड़ को लेकर सहमत नहीं थे लेकिन वंजारा ने सिंघल को बताया कि काली दाढ़ी व सफेद दाढ़ी की ओर से हरी झंडी मिल गई है। सिब्बल ने बताया कि बाद में वंजारा ने अपने इस्तीफे के दौरान लिखे पत्र में इन सबको लेकर अफसोस जताया व खुद के बचाव में कहा था कि वे फील्ड ऑफिसर की तरह काम कर रहे थे। मुख्यमंत्री कार्यालय तथा गृह मंत्रालय से उन्हें जो निर्देश मिलते थे, सरकार की नीति नियम के अनुसार उन्हें करना होता था। यदि वे दोषी हैं तो इस सरकार को भी जेल जाना होगा। सिब्बल ने कहा कि ये सारे सुबूत सुप्रीम कोर्ट के समक्ष रखे गए हैं। करीब नौ साल बाद इस मामले में आरोपपत्र दाखिल हो सका। इसमें मोदी व शाह बराबर के दोषी माने जा सकते हैं, लेकिन उन्हें कोई बचा रहा है।
'कपिल सिब्बल को पता होना चाहिए कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, असम, पश्चिम बंगाल में गुजरात से अधिक फर्जी मुठभेड़ हुई हैं। फर्जी मुठभेड़ के मामलों में गुजरात का स्थान 17वां है।' -मीनाक्षी लेखी, भाजपा प्रवक्ता