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हर हर के फेर में घनचक्कर बने विरोधी

शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के विरोध के बाद भाजपा ने भले ही 'हर हर मोदी घर घर मोदी' नारे से पिंड छुड़ा लिया हो, लेकिन पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक इस नारे पर मुग्ध हैं। वे इस नारे का प्रयोग न करने की मोदी की अपील के बाद भी उसका इस्तेमाल करने में लगे हुए हैं। इनमें कई भाजपा नेता भी हैं। इनमें प्रमुख हैं मध्य प्रदेश भाजपा के नेता कैलाश विजयवर्गीय। उनके मुताबिक इस नारे के इस्तेमाल में कुछ भी गलत नहीं। दूसरी ओर, विपक्षी दल भ्रमित हैं। उन्हें लग रहा है कि इस नारे को तूल देने से तो मोदी का ही प्रचार हो रहा है।

By Edited By: Published: Mon, 24 Mar 2014 04:10 PM (IST)Updated: Tue, 25 Mar 2014 12:11 AM (IST)
हर हर के फेर में घनचक्कर बने विरोधी

नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के विरोध के बाद भाजपा ने भले ही 'हर हर मोदी घर घर मोदी' नारे से पिंड छुड़ा लिया हो, लेकिन पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक इस नारे पर मुग्ध हैं। वे इस नारे का प्रयोग न करने की मोदी की अपील के बाद भी उसका इस्तेमाल करने में लगे हुए हैं। इनमें कई भाजपा नेता भी हैं। इनमें प्रमुख हैं मध्य प्रदेश भाजपा के नेता कैलाश विजयवर्गीय। उनके मुताबिक इस नारे के इस्तेमाल में कुछ भी गलत नहीं। दूसरी ओर, विपक्षी दल भ्रमित हैं। उन्हें लग रहा है कि इस नारे को तूल देने से तो मोदी का ही प्रचार हो रहा है।

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दरअसल, विवाद ने इस नारे को और लोकप्रिय बना दिया है। सोमवार को वाराणसी की एक अदालत में मोदी और अमित शाह समेत कई भाजपा नेताओं के खिलाफ हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के आरोप में एक मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया है। इसकी सुनवाई 3 अप्रैल को होगी। समाजवादी पार्टी ने हर हर मोदी नारे के विरोध में वाराणसी के ही राजेंद्र प्रसाद घाट पर प्रदर्शन किया और मोदी से शहर के मतदाताओं से माफी मांगने की मांग की। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की इच्छा जताते हुए कहा कि वाराणसी में हर हर मोदी नारा बेअसर साबित होगा।

विपक्षी दलों ने इस विवाद में कूदकर एक तरह से आम लोगों का ध्यान इसी नारे पर केंद्रित करने का काम किया है। गोरखपुर में मोदी समर्थकों ने नया नारा 'हर नर मोदी, हर घर मोदी' गढ़ लिया है। भाजपा युवा मोर्चे के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने 'घर-घर मोदी, दर-दर मोदी' नाम से नया नारा गढ़ दिया है। इसके जवाब में कुछ सपा कार्यकर्ता 'थर थर मोदी, डर डर मोदी' नारा लेकर सामने आ गए हैं, लेकिन सपा नेताओं को समझ नहीं आ रहा है कि इससे मोदी का प्रचार हो रहा है या उनके विरोध का भाव का जाहिर हो रहा है? कुछ ऐसी ही स्थिति अन्य भाजपा विरोधी दलों के नेताओं की भी है।

वाराणसी की विजय शंखनाद रैली से निकला 'हर हर मोदी, घर घर मोदी' का नारा इतना लोकप्रिय हुआ कि विपक्षी पार्टियों ने भगवान शंकर से मोदी की तुलना करने का आरोप लगाकर इसकी आलोचना शुरू कर दी। विवाद तब अधिक बढ़ गया जब शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती भी इसके विरोध में उतर आए। मोदी समर्थक इस विरोध से बेपरवाह है। गोरखपुर के डा. आनंद अग्रवाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर 'हर नर मोदी, हर घर मोदी' को एसएमएस, ह्वाट्स ऐप सहित विभिन्न माध्यमों से प्रसारित करने में लगे हुए हैं। इसकी शब्दिक व्याख्या भी की गई है। नर का आशय सिर्फ पुरुष से नहीं बल्कि प्रत्येक नागरिक से जोड़ा जा रहा है। इसके अलावा 'मेरे मोदी, तेरे मोदी, सबके मोदी, घर घर मोदी' का नारा भी बनाया गया है। कई भाजपा कार्यकर्ताओं ने इन नए नारों की होर्डिग बनाने की भी तैयारी शुरू कर दी है।

'वाराणसी में हर हर मोदी का नारा बेअसर साबित होगा। यदि पार्टी टिकट देती है तो मैं नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने को तैयार हूं।' -दिग्विजय सिंह, कांग्रेस महासचिव


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