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चांदनी चौक में जीत की चाबी व्यापारियों के हाथ

चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र में हार-जीत की चाबी व्यापारियों के हाथों में होगी। तीनों प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों का पूरा ध्यान इन्हीं पर है। यही वजह है कि अलग-अलग पार्टियों में आस्था रखने वाले व्यापारी नेताओं की बात छोड़ दें तो क्षेत्र के व्यापारी अभी अपने पत्ते खोलने के लिए तैयार नहीं हैं। व्यापारी खुदरा व्यापार

By Edited By: Published: Sat, 29 Mar 2014 09:27 AM (IST)Updated: Sat, 29 Mar 2014 09:49 AM (IST)
चांदनी चौक में जीत की चाबी व्यापारियों के हाथ
चांदनी चौक में जीत की चाबी व्यापारियों के हाथ

नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र में हार-जीत की चाबी व्यापारियों के हाथों में होगी। तीनों प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों का पूरा ध्यान इन्हीं पर है। यही वजह है कि अलग-अलग पार्टियों में आस्था रखने वाले व्यापारी नेताओं की बात छोड़ दें तो क्षेत्र के व्यापारी अभी अपने पत्ते खोलने के लिए तैयार नहीं हैं। व्यापारी खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश [एफडीआइ] सहित स्थानीय नीतियों पर पार्टियों और प्रत्याशियों की मंशा टटोल रहे हैं।

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चांदनी चौक का मुख्य बाजार हो या चावड़ी बाजार, अजमेरी गेट, सीताराम बाजार, नई सड़क, दरियागंज, खारी बावली, किनारी बाजार। ऐसे दर्जनों बाजार हैं, जो चांदनी चौक संसदीय क्षेत्र में आते हैं। ये ऐसे बाजार हैं, जहां नीचे दुकान है और ऊपर व्यापारी रहते हैं। इस कारण व्यापारियों की दुकान और मकान की समस्याएं एक जैसी हैं। यही वजह है कि व्यापारी वर्ग काफी सोच समझ कर वोट करता है। इस संसदीय क्षेत्र में वैश्य मतदाताओं की संख्या 17 फीसद से अधिक है और कांग्रेस ने दो बार से सांसद चुने जा रहे केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष डॉ. हर्षवर्धन और आप ने आशुतोष को चुनाव मैदान में उतारा है।

किनारी बाजार के व्यापारी ओमप्रकाश गुप्ता कहते हैं कि उनके सामने सबसे बड़ा मुद्दा एफडीआइ का है, जिस पर कांग्रेस एफडीआइ को लागू करके अपना रुख साफ कर चुकी है। भाजपा का रुख पूरी तरह साफ नहीं है और आप दिल्ली में एफडीआइ को लागू न कराने के पक्ष में है। हमारी कोशिश है कि भाजपा इस मुद्दे पर अपना रुख पूरी तरह साफ करे। हमारे नेता भाजपा पर दबाव बना रहे हैं कि वे एफडीआइ को लागू न करने का वादा करे। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने यह वादा किया था, लेकिन अब भाजपा प्रत्याशी डॉ. हर्षवर्धन कुछ स्पष्ट नहीं कह रहे हैं।

वहीं, कुछ व्यापारियों का कहना है कि एफडीआइ के बजाय हमारा ध्यान स्थानीय समस्याओं पर है। जो प्रत्याशी इनके समाधान का ठोस वादा करेगा, वोट उसे दिया जाएगा। सदर बाजार के थोक व्यापारी प्रेम बंसल कहते हैं कि उनके बाजार में पानी, बिजली और टेलीफोन लाइनों को भूमिगत किया जाना चाहिए। खराब बुनियादी ढांचे के कारण खरीदार यहां आने से कतराते हैं। ऐसे में सभी सदर सहित क्षेत्र के सभी पुराने बाजारों को दोबारा विकसित करने की जरूरत है।

खारी बावली के रमेश कपूर कहते हैं कि चांदनी चौक बाजार पुनर्विकास योजना का विस्तार खारी बावली से लेकर बाड़ा हिंदूराव तक फैले थोक बाजारों को संवारने के लिए होना चाहिए। वहीं चांदनी चौक के व्यापारियों की शिकायत है कि उनके बाजार संवारने की योजना पर कुछ भी काम नहीं हुआ है। व्यापारियों की प्राथमिकता की सूची में वैट [मूल्य वर्धित कर] विभाग से जुड़ी समस्याएं और थोक बाजार का स्थानांतरण भी शामिल है। ये मुद्दे एफडीआइ के विरोध पर भारी पड़ रहे हैं।

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