पुरुषों की तुलना में महिलाओं को हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा, काम का दबाव है बड़ा कारण

पहले यह माना जाता था कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को हार्ट अटैक और स्ट्रोक का ज्यादा जोखिम होता है लेकिन काम का दबाव जैसे कुछ ऐसे कारक हैं जिनकी वजह से महिलाओं में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sat, 04 Sep 2021 01:42 PM (IST) Updated:Sat, 04 Sep 2021 01:42 PM (IST)
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा, काम का दबाव है बड़ा कारण
422 हजार लोगों के डाटा के विश्लेषण में आया सामने

लंदन, आइएएनएस। अनियमित जीवनशैली कई बीमारियों का कारण बनती है। इसके असर को लेकर एक ताजा शोध में सामने आया है कि काम का दबाव, नींद विकार तथा थकान जैसे कुछ ऐसे कारक हैं, जिनकी वजह से पुरुषों की तुलना में महिलाओं में हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है। यह अध्ययन हाल ही में यूरोपीयन स्ट्रोक आर्गेनाइजेशन (ईएसओ) कांफ्रेंस में पेश किया गया।

डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्राल का बढ़ा स्तर, धूमपान, मोटापा और शारीरिक शिथिलता को दिल की बीमारी का कारण माना गया है। बता दें कि पहले यह माना जाता था कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को हार्ट अटैक और स्ट्रोक का ज्यादा जोखिम होता है।

यूनिवर्सिटी हास्पिटल ज्यूरिख की न्यूरोलाजिस्ट डाक्टर मार्टिन हंसेल और उनकी टीम ने बताया कि हालिया अध्ययन में पाया गया है कि पुरुष भले ही महिलाओं से ज्यादा धूमपान करते हों और मोटापा के शिकार हों, इसके बावजूद हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा महिलाओं में ज्यादा होता है। इसकी वजह काम का दबाव, नींद विकार तथा थकान है।                            

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के लिए 2007, 2012 तथा 2017 में किए गए स्विस हेल्थ सर्वे में शामिल 22 हजार पुरुषों और महिलाओं के डाटा को शामिल किया। इसमें उन्होंने पाया कि 2007 में जहां 38 फीसद महिलाएं पूर्णकालिक कामकाजी थीं, वहीं 2017 में यह आंकड़ा 44 फीसद पर पहुंच गया। 2012 से 2017 के बीच थकान महसूस करने वाली महिलाओं की संख्या 23 फीसद बढ़कर 33 फीसद हो गई, जबकि पुरुषों में यह 26 फीसद रही। इसी तरह नींद संबंधी गंभीर विकार महिलाओं में जहां आठ फीसद बढ़ा, वहीं पुरुषों में यह पांच फीसद था।

अनियमित जीवनशैली स्वास्थ्य पर कई तरह से बुरा असर डालती है।

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