ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने की इस्तीफे की घोषणा, इस दिन छोड़ेंगी अपना पद

ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने शुक्रवार को भरे मन से इस्तीफे का एलान कर दिया। वह सात जून को अपना पद छोड़ देंगी।

By Ayushi TyagiEdited By: Publish:Fri, 24 May 2019 03:14 PM (IST) Updated:Fri, 24 May 2019 07:58 PM (IST)
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने की इस्तीफे की घोषणा, इस दिन छोड़ेंगी अपना पद
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने की इस्तीफे की घोषणा, इस दिन छोड़ेंगी अपना पद

लंदन, प्रेट्र/रायटर। ब्रेक्जिट (यूरोपीय यूनियन से अलगाव) मुद्दे पर अपनी कंजरवेटिव पार्टी का समर्थन पाने में असफल रहीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे ने शुक्रवार को भरे मन से इस्तीफे का एलान कर दिया। वह सात जून को अपना पद छोड़ देंगी। इस बीच पार्टी उनके स्थान पर नेता का चुनाव कर लेगी, जो बाद में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेगा।

टेरीजा के इस्तीफे की घोषणा से ब्रेक्जिट का मामला और उलझ गया है। अब नए प्रधानमंत्री पर बड़ी जिम्मेदारी होगी कि वह शर्तो पर सबको साथ लेकर संसद में विधेयक पारित कराए या फिर बिना शर्त यूरोपीय यूनियन से अलग होने की घोषणा करे।

ईयू ने ब्रिटेन को अलग होने के लिए 31 अक्टूबर तक का समय दे रखा है। टेरीजा ने कहा, वह जल्द ही कार्यमुक्त हो जाएंगी। उनके लिए गर्व की बात है कि वह देश की प्रधानमंत्री बन सकीं। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बनने वाली वह दूसरी महिला हैं लेकिन अंतिम नहीं, क्योंकि उन्होंने पूरी इच्छा और मेहनत के साथ जिम्मेदारी को निभाया। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तीन जून से ब्रिटेन के दौरे पर आ रहे हैं।

माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के रूप में टेरीजा उनकी मेजबानी करेंगी। सत्तारूढ़ कंजरवेटिव पार्टी ने टेरीजा के इस्तीफे की घोषणा को दुखद लेकिन जरूरी बताया है। विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन ने टेरीजा के फैसले को सही बताया है। कहा कि जो हालात बन गए थे-उन्हें वह संभाल नहीं पा रही थीं। अपने आवास के बाहर लोगों को संबोधित करते हुए टेरीजा ने अपनी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताया। साथ ही खेद व्यक्त किया कि वह ब्रेक्जिट प्रक्रिया को सफलता से अंजाम नहीं दे पाईं।

जून 2016 में हुए जनमत संग्रह में जनता ने ब्रेक्जिट पर सहमति जताई थी। तय समयानुसार 29 मार्च, 2019 को ब्रिटेन को 28 यूरोपीय देशों वाला यह समूह छोड़ देना था। लेकिन उसके लिए शर्तो को संसद की स्वीकृति नहीं मिल पाई। टेरीजा ने तीन बार संसद से स्वीकृति प्राप्त करने का प्रयास किया लेकिन सरकार का प्रस्ताव हर बार गिरा। तीन जून को प्रस्ताव चौथी बार पेश करने का कार्यक्रम बना लेकिन उससे पहले विपक्षी लेबर पार्टी ने सरकार को कोई सहयोग देने से इन्कार कर दिया। अपनी कंजरवेटिव पार्टी में भी टेरीजा प्रस्ताव को लेकर समर्थन नहीं जुटा पाईं।

जानें, क्या है ब्रेग्जिट?
ब्रैग्जिट का सीधा सा मतलब है कि यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन का बाहर आना। द ग्रेट ब्रिटेन यूरोपियन यूनियन में रहेगा या नहीं इसको लेकर पूरी दुनिया में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अब फिलहाल ब्रिटेन की संसद को तय करना है कि वो यूरोपियन यूनियन में रहना चाहती है या नहीं।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप

chat bot
आपका साथी