अब नाक में ही मर जाएगा कोरोना, अचूक नोजल स्‍प्रे को वैज्ञानिकों ने दिया अंतिम रूप, जानें खासियत

कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई में ब्रिटेन के वैज्ञानिकों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी नोजल स्‍प्रे विकसित किया है जो कोरोना संक्रमण की रोकथाम में कारगर साबित हो सकती है। जानें इसकी खासियत...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 06:17 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jan 2021 12:10 AM (IST)
अब नाक में ही मर जाएगा कोरोना, अचूक नोजल स्‍प्रे को वैज्ञानिकों ने दिया अंतिम रूप, जानें खासियत
ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने ऐसी नोजल स्‍प्रे विकसित की है जो कोरोना की रोकथाम में कारगर साबित हो सकती है।

लंदन, पीटीआइ। कोरोना के खिलाफ जारी लड़ाई को मुकाम तक पहुंचाने के लिए वैज्ञानिक शिद्दत से काम कर रहे हैं। इस लड़ाई में ब्रिटेन के वैज्ञानिकों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने ऐसी नोजल स्‍प्रे को अंतिम रूप दिया है जो कोरोना संक्रमण की रोकथाम में कारगर साबित हो सकती है। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने ब्रिटेन के एक अखबार की रिपोर्ट के हवाले से बताया है कि यह नोजल स्‍प्रे दो दिनों तक कोरोनो संक्रमण को रोक सकती है। 

कुछ ही महीनों में होगी उपलब्‍ध 

बर्मिंघम विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों इसे बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए विकसित किया है। इसके कुछ ही महीनों में दवा दुकानों पर उपलब्ध होने की उम्मीद है। अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता डॉ. रिचर्ड मोक्स (Dr Richard Moakes) ने 'द संडे टेलीग्राफ' को बताया कि उन्‍हें नए नोजल स्प्रे के फार्मूले पर पूरा भरोसा है कि यह कोरोना की रोकथाम में मददगार साबित होगी ताकि लोगों को शारीरिक दूरी जैसे एहतियातों से छुटकारा मिल सके और स्कूलों फिर से खोले जा सकें। 

नहीं होगी मंजूदी लेने की जरूरत 

इस नोजल स्प्रे को अभी तक नाम नहीं दिया गया है। यह उन अवयवों से बनी है उनको पहले से ही चिकित्सा मंजूरी मिल चुकी है। यह लोगों के इस्‍तेमाल के लिए सुरक्षित है। इसे आगे भी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी। अध्ययन दल के मुख्य अनुसंधानकर्ता डॉ रिसर्च मोक्स ने 'द संडे टेलीग्राफ' से कहा कि हम गर्मियों के मौसम तक इसके उपलब्ध होने की उम्मीद कर रहे हैं। 

जोखिम वाली जगहों के लिए मुफीद 

अध्‍ययन में पाया गया है कि स्प्रे 48 घंटे तक कोरोना को फैलने से रोकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस स्प्रे का दिन में चार बार इस्तेमाल करना कोरोना से सुरक्षित रखेगा। यही नहीं स्कूल जैसे घनी आबादी वाले स्थानों और अत्यधिक जोखिम वाली जगहों पर इसका हर 20 मिनट पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

नाक में ही दम तोड़ देगा कोरोना 

इस नोजल स्‍प्रे में जिस फॉर्मूले का इस्‍तेमाल किया गया है वह वायरस को पकड़ कर इसे एक कोटिंग में एनकैप्सुलेट कर देता है जिससे संक्रमण को रोकने में मदद मिलती है। इसके इस्‍तेमाल से सांस लेना सुरक्षित होगा क्योंकि वायरस पहले ही निष्क्रिय हो जाएगा। इसे लेना भी बेहद आसान है। डॉ. रिचर्ड मोक्स (Dr Richard Moakes) ने कहा कि मुझे यकीन है कि यह वायरस के खिलाफ कारगर हथियार होगा। 

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