ब्रिटेन ने खुद स्वीकार कर कहा- पिछले एक महीने से कर रहे आतंकी घटनाओं का सामना

ब्रिटेन ने स्वीकार किया है कि पिछले एक महीने में दो हिंसक घटनाओं के बाद से उसे गंभीर आतंकी खतरे का सामना करना पड़ रहा है। कनाडा स्थित एक थिंक टैंक ने इसकी जानकारी दी। भविष्य में ब्रिटेन में और आतंकी खतरों की आशंका है।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Sat, 20 Nov 2021 02:33 PM (IST) Updated:Sat, 20 Nov 2021 02:33 PM (IST)
ब्रिटेन ने खुद स्वीकार कर कहा- पिछले एक महीने से कर रहे आतंकी घटनाओं का सामना
ब्रिटेन ने खुद स्वीकार कर कहा- पिछले एक महीने से कर रहे आतंकी घटनाओं का सामना

लंदन, एएनआइ। ब्रिटेन ने स्वीकार किया है कि पिछले एक महीने में दो हिंसक घटनाओं के बाद से उसे 'गंभीर' आतंकी खतरे का सामना करना पड़ रहा है। कनाडा स्थित एक थिंक टैंक ने इसकी जानकारी दी। इंटरनेशनल फोरम फॉर राइट्स एंड सिक्योरिटी (IFFRAS) ने आतंकवाद-रोधी विशेषज्ञों का हवाला देते हुए बताया कि भविष्य में ब्रिटेन में और आतंकी खतरों की आशंका है।  हालांकि, यहां पर हुए हमलों की जिम्मेदारी किसी भी इस्लामी समूह नहीं ले रहा है। 

ब्रिटिश सुरक्षा मंत्री डेमियन हिंड्स (Damien Hinds) को संदेह था कि यह घटना ऑनलाइन कट्टरता का परिणाम हो सकती है। हाल ही में हुआ आतंकी हमला यूरोप को धमकी देने वाला हो सकता है। बता दें कि 15 नवंबर को लिवरपूल में स्थित एक अस्पताल के पास एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटक उपकरण से खुद को उड़ा लिया था।

उधर, एक ब्रिटिश घरेलू काउंटर-इंटेलिजेंस एजेंसी MI5( MI5, a British domestic counter-intelligence agency) के अनुसार, देश के लिए इस्लामी आतंकवादी खतरा वास्तविक है। बयान में कहा गया है कि अल कायदा और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवेंट (ISIL) सहित सीरिया और इराक में आतंकवादी समूहों के पास पश्चिम के खिलाफ सीधे हमले करने की मंशा और क्षमता दोनों हैं। वहीं ब्रिटिश गृह सचिव प्रीति पटेल ने कहा कि ब्रिटेन में आतंकी खतरा और अधिक बढ़ गया है। साथ एक और आतंकी हमले की आशंका भी जताई है।

वहीं  यूरोपीय देशों में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर भारत सरकार पूरी तरह सतर्क है। ब्रिटेन, ब्राजील समेत कई देशों के यात्रियों के भारत आगमन को लेकर केंद्र ने दिशानिर्देश जारी किए हैं। सोमवार को भारत सरकार ने कहा कि ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका, ब्राजील, बांग्लादेश, बोत्सवाना, चीन, मारीशस, न्यूजीलैंड, जिम्बाब्वे और सिंगापुर सहित यूरोप के कई ऐसे देश हैं जहां से आए यात्रियों को भारत आगमन पर कोरोना प्रोटोकाल के अतिरिक्त उपायों का पालन करना होगा। इसके साथ ही भारत आगमन पर इन देशों से आए यात्रियों का कोरोना टेस्ट भी किया जाएगा।

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