Global Teacher Prize: वैश्विक शिक्षक पुरस्कार के लिए दो भारतीय अध्यापकों का चयन
सत्यम मिश्रा को दुनिया को देखने के बच्चों के तरीके में बदलाव के संकल्प व गणित को रुचिकर बनाने के मद्देनजर इस पुरस्कार के लिए चुना गया। उन्होंने गुणा के आसान फार्मूले इजाद किए हैं। मेघना मुसुनूरी को शिक्षा के संदर्भ में भविष्यवादी परोपकारी व जुनूनी उद्यमी बताया जाता है।
लंदन, प्रेट्र। बिहार के भागलपुर निवासी गणित के शिक्षक सत्यम मिश्रा व हैदराबाद की सामाजिक अध्ययन, अंग्रेजी व गणित की शिक्षिका मेघना मुसुनूरी ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है। दोनों गुरुवार को घोषित 10 लाख डालर (करीब 7.35 करोड़ रुपये) के वैश्विक शिक्षक पुरस्कार पाने वाले 50 अध्यापकों में शामिल हैं। यूनेस्को के सहयोग से वर्की फाउंडेशन द्वारा दिए जाने वाले इस पुरस्कार के लिए 121 देशों से 8,000 से अधिक नामांकन आए थे।
सत्यम मिश्रा को दुनिया को देखने के बच्चों के तरीके में बदलाव के संकल्प व गणित को रुचिकर बनाने के मद्देनजर इस पुरस्कार के लिए चुना गया। उन्होंने गुणा के आसान फार्मूले इजाद किए हैं। मेघना मुसुनूरी को शिक्षा के संदर्भ में भविष्यवादी, परोपकारी व जुनूनी उद्यमी बताया जाता है। वह फाउंटेनहेड ग्लोबल स्कूल एंड जूनियर कालेज की संस्थापक व अध्यक्ष हैं। साथ ही वह उद्यमी महिलाओं को आनलाइन मौजूदगी स्थापित करने में मार्गदर्शन करने वाली गूगल की संस्था वीमेन एंटरप्रेन्योर्स आन द वेब (WEOW) की हैदराबाद शाखा की भी अध्यक्ष हैं।
वर्की फाउंडेशन के संस्थापक सन्नी वर्की ने कहा, 'केवल शिक्षा को प्राथमिकता देकर ही हम अपने कल को सुरक्षित कर सकते हैं। शिक्षा विश्वास के साथ भविष्य का सामना करने की कुंजी है।'
चार भारतीय विद्यार्थियों को वैश्विक छात्र पुरस्कार
पहली बार शुरू किए गए चेगडाटओआरजी वैश्विक छात्र पुरस्कार के शीर्ष 50 छात्रों की सूची में चार भारतीय विद्यार्थी भी शामिल हैं। इनमें जामिया मिलिया इस्लामिया (नई दिल्ली) के वास्तुकला के 21 वर्षीय छात्र कैफ अली, आइआइएम (अहमदाबाद) के 23 वर्षीय एमबीए छात्र आयुष गुप्ता, झारखंड की 17 वर्षीय छात्रा सीमा कुमारी व हरियाणा के केंद्रीय विश्वविद्यालय का 24 वर्षीय छात्र विपिन कुमार शर्मा शामिल हैं। इस पुरस्कार के तहत एक लाख डालर (करीब 73.55 लाख रुपये) की धनराशि दी जाएगी। चेगडाटओआरजी की प्रमुख लीला थामस ने कहा, 'कोविड के इस मुश्किल दौर में कैफ, आयुष, सीमा व विपिन जैसे छात्रों ने पढ़ाई करते रहने व बेहतर भविष्य के लिए लड़ते रहने का बड़ा साहस दिखाया है।'