फाइजर की वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट से लड़ने में सक्षम, जानें- कोविशील्ड कितनी है कारगर

ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका (Oxford - AstraZeneca) और फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer - BioNTech ) दोने के टीके कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने और डेल्टा वैरिएंट वाले लोगों के अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को कम करने में प्रभावी हैं।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 01:16 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 01:16 PM (IST)
फाइजर की वैक्सीन डेल्टा वैरिएंट से लड़ने में सक्षम, जानें- कोविशील्ड कितनी है कारगर
फाइजर और एस्ट्राजेनेका के टीके इससे अच्छी सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम हैं।

लंदन, पीटीआइ। पहली बार भारत में मिले कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट में ब्रिटेन में मिले अल्फा वैरिएंट की तुलना में अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम दोगुना है, लेकिन फाइजर और एस्ट्राजेनेका के टीके इससे अच्छी सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम हैं। लैंसेट जर्नल में प्रकाशित हुए अध्ययन में यह बात सामने आई है।पब्लिक हेल्थ स्कॉटलैंड और यूके के एडिनबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि फाइजर-बायोएनटेक वैक्सीन ने भारत में बनी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड की तुलना में डेल्टा संस्करण के खिलाफ बेहतर सुरक्षा प्रदान की है।                                             

इसके लिए 1 अप्रैल से 6 जून, 2021 तक की अवधि के दौरान दर्ज किए गए मामलों के विश्लेषण किया गया। टीम ने इस अवधि में SARS-CoV-2 के 19,543 पुष्टि किए गए मामलों का विश्लेषण किया, जिनमें से 377 को स्कॉटलैंड में कोविड-19 संक्रमण के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस दौरान लगभग 7,723 सामुदायिक मामलों और 134 अस्पतालों में कोरोना वायरस का डेल्टा संस्करण पाया गया।

अध्ययन में पाया गया कि फाइजर वैक्सीन ने दूसरी खुराक के दो हफ्ते बाद अल्फा वैरिएंट के खिलाफ 92 प्रतिशत और डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 79 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान की। शोधकर्ताओं ने कहा कि फाइजर के मुकाबले एस्ट्राजेनेका के टीके ने डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ 60 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान की, जबकि अल्फा वैरिएंट ने 73 प्रतिशत।

इस दौरान उन्होंने यह भी पाया कि वैक्सीन की दो खुराक एकल खुराक की तुलना में डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ बेहतर सुरक्षा प्रदान करती हैं। अध्ययन के लेखक ने कहा, 'अल्फा वैरिएंट की तुलना में डेल्टा संस्करण वाले लोगों में कोविड-19 अस्पताल में भर्ती होने का जोखिम लगभग दोगुना था। उन्होंने कहा कि ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका और फाइजर-बायोएनटेक दोने के टीके कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने और डेल्टा वैरिएंट वाले लोगों के अस्पताल में भर्ती होने के जोखिम को कम करने में प्रभावी हैं।

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