फाइजर का दावा- ब्रिटेन व दक्षिण अफ्रीका के स्ट्रेन से लड़ने में सक्षम है उनकी कोविड-19 वैक्सीन
Pfizer BioNTech COVID-19 Vaccine कोविड-19 वैक्सीन विकसित करने वाली कंपनी फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BioNtech) ने दावा किया है कि उनकी वैक्सीन ब्रिटेन व दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने वाले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से जूझने में सक्षम है।
लंदन, एएफपी। कोविड-19 वैक्सीन विकसित करने वाली कंपनी फाइजर-बायोएनटेक (Pfizer-BioNtech) ने दावा किया है कि उनकी वैक्सीन ब्रिटेन व दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने वाले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से जूझने में सक्षम है। फाइजर ने बुधवार को जारी बयान में कहा, 'इन निष्कर्षों से यह संकेत नहीं मिलता है कि वायरस के नए वैरिएंट के लिए नए वैक्सीन की जरूरत है।' इस अध्ययन के रिजल्ट को बायोआरविक्स (bioRxiv) में प्रकाशित किया गया।
वैक्सीन बनाने वाली कंपनी ने अपने बयान में कहा है कि कोविड-19 का मूल संक्रमण और नए पाए गए संक्रमणों में काफी कम अंतर है। ऐसे में हमारी वैक्सीन इस नए वायरस पर भी असरदार है। फाइजर-बायोएनटेक का कहना है कि वह इस बात का जल्द ही सबूत देंगे कि उनकी वैक्सीन इस नए कोरोना वायरस पर प्रभावी हैं।
फाइजर-बायोएनटेक की तरफ से कहा गया है कि वह अपनी वैक्सीन की निगरानी जारी रखे हुए हैं। वायरस के नए रूपों पर भी वैक्सीन के प्रभाव की निगरानी रखी जा रही है। फाइजर-बायोएनटेक का मानना है कि अगर नई वैक्सीन की जरूरत भी पड़ती है तो अब हम जल्द से जल्द वैक्सीन विकसित कर सकते हैं।
इस सप्ताह की शुरुआत में मॉडर्ना (Moderna) ने कहा था कि कोविड-19 वैक्सीन के दो डोज से इस बात की उम्मीद है कि नए स्ट्रेन से बचाव हो सकता है। साथ ही मॉडर्ना ने कहा कि यह दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से बचाव के लिए कोविड-19 बूस्टर शॉट पर काम कर रहे हैं।
कोरोना वैक्सीन 'फाइजर' को सबसे पहले ब्रिटेन ने इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। जिसके बाद अमेरिका ने भी इस वैक्सीन को अपनी इजाजत दे दी। इसके बाद यूरोपीय यूनियन, इजरायल, सऊदी अरब समेत दुनिया के कई देशों ने वैक्सीन के इमरजेंसी प्रयोग को मंजूरी दे दी। bioRxiv द्वारा किए गए अध्ययन में यह भी पता चला है कि भारत में भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोविड वैक्सीन कोवैक्सीन भी ब्रिटेन के स्ट्रेन के खिलाफ कारगर है।