वैश्विक समझौते से ही कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति संभव, विकासशील देशों को मिलेगी मदद: WTO

मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा है कि वो अस्थायी छूट का समर्थन करते हैं लेकिन अन्य विकसित देश जहां कई बड़ी दवा कंपनियां हैं। उनका मानना है कि इस तरह के कदम से उत्पादन को बढ़ावा नहीं मिलेगा बल्कि इससे अनुसंधान और विकास प्रभावित हो सकता है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 12 Jun 2021 11:47 PM (IST) Updated:Sat, 12 Jun 2021 11:47 PM (IST)
वैश्विक समझौते से ही कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति संभव, विकासशील देशों को मिलेगी मदद: WTO
कोविड-19 की वैक्सीन ज्यादा मात्रा में उपलब्ध कराने के लिए

फॉल्माउथ, इंग्लैंड। ब्रिटेन में जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान विश्व व्यापार संगठन के प्रमुख ने कहा कि, विश्व के विकासशील देशों को कोविड-19 की वैक्सीन ज्यादा मात्रा में उपलब्ध कराने के लिए एक मात्र रास्ता वैश्विक समझौता है। लेकिन इस पर विभाजन है कि क्या दवा कंपनियों से उनके बौद्धिक संपदा अधिकार छीन लिए जाने चाहिए।

जी-7 देशों के नेताओं के बीच चर्चा में शामिल होने से पहले डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक नगोजी ओकोंजो-इवेला ने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जुलाई तक आईपी छूट के मुद्दे पर आगे का रास्ते और साफ होगा। उन्होंने कहा की ये थोड़ी मुश्किल हो सकता है क्योंकि कुछ परिस्थितियां है, लेकिन रास्ता है और मैं जुलाई के अंत तक कुछ विकास देखाना चाहती हूं।

विश्व व्यापार संगठन के सदस्य बुधवार को विकासशील देशों के लिए कोविड-19 वैक्सीन की आपूर्ति को बढ़ावा देने की योजना पर औपचारिक बातचीत शुरू करने पर सहमत हुए थे। लेकिन कुछ सख्त रवैए के चलते, रेखाएं खींच गई हैं।

कई विकासशील देशों द्वारा समर्थित दक्षिण अफ्रीका और भारत, स्थानीय निर्माताओं द्वारा वैक्सीन और अन्य इलाज की दवाओं का उत्पादन करने के लिए आईपी अधिकारों की अस्थायी छूट चाहते हैं।

मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा है कि वो अस्थायी छूट का समर्थन करते हैं, लेकिन अन्य विकसित देश जहां कई बड़ी दवा कंपनियां हैं। उनका मानना है कि इस तरह के कदम से उत्पादन को बढ़ावा नहीं मिलेगा, बल्कि इससे अनुसंधान और विकास प्रभावित हो सकता है। विश्व व्यापार संगठन के सदस्य अगले सप्ताह 21-22 जुलाई तक एक रिपोर्ट तैयार कर चर्चा करेंगे।

दक्षिण-पश्चिम इंग्लैंड में एक शिखर सम्मेलन आयोजित करने वाले जी-7 नेताओं ने शुक्रवार को गरीब देशों को एक अरब डोज कोविड-19 वैक्सीन दान करने पर सहमति व्यक्त की थी। लेकिन संयुक्त राष्ट्र और कुछ समूहों ने कहा कि जो आवश्यक है, ये उससे कम है।

ओकोंजो-इवेला ने कहा कि वह जुलाई तक फिशरी सब्सिडी पर बातचीत में "महत्वपूर्ण प्रगति" की उम्मीद कर रही है "भले ही हम किसी निष्कर्ष पर न पहुंचें जो काफी संभव है"। वो 20 साल की बातचीत के बाद मत्स्य पालन सब्सिडी में कटौती करने की कोशिश करने के लिए 15 जुलाई को विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देशों की एक बैठक की मेजबानी करने वाली हैं।

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