कोरोना के खिलाफ जंग में इन दवाओ के संयोजन ने जगाई उम्मीद की किरण, पशुओं पर किया गया परीक्षण

कोरोना वायरस (कोविड-19) से मुकाबले में एक नई मिश्रित दवा में उम्मीद की नई किरण दिखी है। एक नए अध्ययन के अनुसार कोविड-19 का कारण बनने वाले सार्स-कोव-2 वायरस के खिलाफ यह दवा प्रभावी हो सकती है। दो दवाओं का यह मिश्रण संक्रमण को रोक सकता है।

By TaniskEdited By: Publish:Fri, 01 Oct 2021 04:15 PM (IST) Updated:Fri, 01 Oct 2021 04:15 PM (IST)
कोरोना के खिलाफ जंग में इन दवाओ के संयोजन ने जगाई उम्मीद की किरण, पशुओं पर किया गया परीक्षण
कोरोना संक्रमण के खिलाफ प्रभावी हो सकती है नई दवा।

लंदन,प्रेट्र। कोरोना वायरस (कोविड-19) से मुकाबले में एक नई मिश्रित दवा में उम्मीद की नई किरण दिखी है। एक नए अध्ययन के अनुसार, कोविड-19 का कारण बनने वाले सार्स-कोव-2 वायरस के खिलाफ यह दवा प्रभावी हो सकती है। दो दवाओं का यह मिश्रण संक्रमण को रोक सकता है। पशुओं पर किए गए परीक्षण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया है। वायरेसेस पत्रिका में परीक्षण के प्रारंभिक नतीजों को प्रकाशित किया गया है। अध्ययन के मुताबिक, एंटीवायरल दवाओं नफामोस्टेट और पेगासिस का संयुक्त उपयोग सभी जरूरतों के लिहाज से प्रभावी पाया गया है।

नार्वे की नार्वेजियन यूनिवर्सिटी आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी (एनटीएनयू) के प्रोफेसर डेनिस कैनोव ने कहा, 'दवाओं का यह संयोजन संक्रमण को रोकने में प्रभावी पाया गया है।' शोधकर्ताओं ने बताया कि यह परीक्षण चूहों पर किया गया है। इसका यह मतलब नहीं है कि यह मिश्रण इंसानों पर भी काम कर सकता है। लेकिन शोधकर्ताओं के लिए उम्मीद की किरण है। वे पहले से ही कोरोना के खिलाफ नफामोस्टेट को लेकर परीक्षण कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि कोरोना के खिलाफ मोनोथेरेपी के तौर पर नफामोस्टेट का उपयोग किया जा रहा है और जापान व अन्य स्थानों पर गहन परीक्षण भी चल रहा है। जबकि अभी हेपेटाइटिस सी के उपचार में मुख्य रूप से पेगासिस का उपयोग हो रहा है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इन दोनों दवाओं का संयोजन सकारात्मक रूप से प्रभावी प्रतीत हुआ है। उपचार के लिए इस दवा संयोजन की निम्न खुराक की जरूरत पड़ सकती है। इससे कई जिंदगी बच सकती है। 

उन्होंने कहा कि हमारा अध्ययन चल रहे महामारी और भविष्य के संभावित कोरोना वायरस आउटब्रेक ​​के लिए एक  समाधान प्रदान कर सकता है। इसकी अभी भी दुनिया के कई हिस्सों में तत्काल आवश्यकता है। एनटीएनयू के अलावा, अध्ययन में अन्य शोधकर्ता नार्वे के ओस्लो विश्वविद्यालय अस्पताल, ओस्लो विश्वविद्यालय, फ्रांसीसी प्रीसिजन मेडिसिन कंपनी ओन्कोडिसिन, एस्टोनिया में टार्टू विश्वविद्यालय और फिनलैंड में हेलसिंकी विश्वविद्यालय से हैं।

chat bot
आपका साथी