पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस को 'ब्लैक डे' के रूप में मनाएगा यह संगठन, इस वजह से लिया फैसला

MQM का कहना है कि मोहजिर सिंधी बलूच पश्तून अन्य उत्पीड़ित जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ यह निर्णय लिया गया है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Wed, 12 Aug 2020 09:14 AM (IST) Updated:Wed, 12 Aug 2020 09:14 AM (IST)
पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस को 'ब्लैक डे' के रूप में मनाएगा यह संगठन, इस वजह से लिया फैसला
पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस को 'ब्लैक डे' के रूप में मनाएगा यह संगठन, इस वजह से लिया फैसला

लंदन, एएनआइ। मुताहिदा कौमी मूवमेंट (Muttahida Qaumi Movement- MQM) ने घोषणा की है कि वह पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस को 'ब्लैक डे' के रूप में मनाएगा। MQM का कहना है कि मोहजिर, सिंधी, बलूच, पश्तून, अन्य उत्पीड़ित जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ यह निर्णय लिया गया है।

बता दें कि MQM की स्थापना अल्ताफ हुसैन ने की थी। इस मूवमेंट के तहत यूके, यूएसए, कनाडा, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और इसकी अन्य विदेशी इकाइयों में 'ब्लैक डे' प्रदर्शन के रूप में कार रैली आयोजित करेगा। एमक्यूएम ओवरसीज द्वारा विरोध प्रदर्शन की तैयारी शुरू हो चुकी है। केंद्रीय आयोजन समितियों की बैठकें हुईं और 'ब्लैक डे' की व्यवस्था के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया।

एमक्यूएम ओवरसीज के आयोजकों ने कहा कि पाकिस्तानी सेना, पैरा-मिलिट्री रेंजर्स और पाकिस्तान के अन्य सुरक्षा बलों द्वारा मोहजिर, सिंधी, बलूच, पश्तून, अन्य उत्पीड़ित जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों को सताया जा रहा है। इसके अलावा, देश में अतिरिक्त न्यायिक हत्याएं, अवैध गिरफ्तारियां, नजरबंदियां और अन्य मानवाधिकारों का उल्लंघन रोज की दिनचर्या बन गई है। आयोजकों ने कहा कि इन राज्य क्रूरताओं के खिलाफ विरोध जारी रहेगा।

पाकिस्‍तान को सैन्‍य सहायता देना बंद करे अमेरिका : MQM 

मुताहिदा कौमी मूवमेंट (Muttahida Qaumi Movement, MQM) के संस्‍थापक और नेता अल्ताफ हुसैन (Altaf Hussain) ने अमेरिका से गुजारिश की है कि पेंटागन (Pentagon) सिंध, बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और गिलगित बाल्टिस्तान के अल्पसंख्यकों के दुखों को समाप्‍त करने के लिए पाकिस्तान को नागरिक और सैन्य सहायता देना बंद कर दे। अमेरिकी सरकार को लिखे पत्र में हुसैन ने कहा है कि पाकिस्‍तान ने सिंध, बलूचिस्तान, केपीके, गिलगित और बाल्टिस्तान क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। इन इलाके के लोगों पर उसकी सेना का बर्बर और क्रूर दमन जारी है।

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