जानें, म्यांमार में प्रदर्शनकारियों के दमन में China का रोल, रिपोर्ट में हुआ खुलासा- सैन्य क्रूरता का साथ दे रहा है 'ड्रैगन'
प्रदर्शनकारियों की निगरानी करने के लिए म्यांमार की सेना चीन के ड्रोनों का इस्तेमाल कर रही है। इसकी जानकारी ब्रिटिश मिलिट्री इंटेलिजेंस पब्लिकेशन जेन्स इंटरनेशनल डिफेंस रिव्यू की रिपोर्ट में दी गई है। मार्च महीने में मांडले शहर में ये चीनी ड्रोन्स देखे गए थे।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। Myanmar Army Deploys Chinese Drones to Monitor Protestors: चीन की हुकूमत म्यांमार के सैनिकों की क्रूरता का साथ निभा रही है। म्यांमार की सैन्य सरकार का चीन साथ दे रहा है। यूरोपीय यूनियन के शीर्ष राजनयिक ने रविवार को कहा कि म्यांमार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय बिरादरी द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर रूस और चीन अड़ंगा लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर देश में लोकतंत्र की बहाली होती है तो म्यांमार को आर्थिक सहायता करने पर विचार करेगा। राजनयिक का यह आरोप बेबुनियाद नहीं है। दरअसल, प्रदर्शनकारियों की निगरानी करने के लिए म्यांमार की सेना चीन के ड्रोनों का इस्तेमाल कर रही है। इसकी जानकारी ब्रिटिश मिलिट्री इंटेलिजेंस पब्लिकेशन जेन्स इंटरनेशनल डिफेंस रिव्यू की रिपोर्ट में दी गई है। मार्च महीने में मांडले शहर में ये चीनी ड्रोन्स देखे गए थे।
चीन ने एक दर्जन ड्रोन म्यांमार सेना को दिए
इस रिपोर्ट के मुताबिक तस्वीरों में दो तरह के ड्रोन दिखाई दे रहे थे। यह ड्रोन कम ऊंचाई पर उड़ते दिख रहे थे। इन ड्रोनों की आवाज मांडले के लोगों को सुनाई दे रही थी। मांडले शहर में नागरिक सैन्य तख्तापलट के खिलाफ जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे हैं। मांडले म्यांमार का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। रिपोर्ट के मुताबिक इसमें एक चीन निर्मित CH-3A ड्रोन है। इस ड्रोन का विकास चीन ने विकसित किया है। चीन ने 10 से 12 ड्रोन म्यांमार को दिए थे। इन ड्रोनों का इस्तेमाल म्यांमार की वायु सेना इस्तेमाल कर रही है।
इस ड्रोन का क्या है उपयोग
चीनी ड्रोन की खूबियां
दुनिया में चीन तेजी से हथियार आपूर्ति करने वाले देश के तौर पर उभरा है। इतना ही नहीं जब से चीन ने ड्रोन का निर्यात करना शुरू किया है तब से उसने लोकतांत्रिक देशों के मुकाबले गैर-लोकतांत्रिक देशों को ज्यादा आपूर्ति की है। गैर-लोकतांत्रिक देशों में इन चीनी ड्रोनों की मांग बढ़ी है। इस ड्रोन का नाम केहोंग है। चीनी भाषा में इसका तात्पर्य इंद्र धनुष से है। इसका अधिकतम वजन 650 किलो होता है। इसकी पेलोड क्षमता 180 किलो है। यह 12 घंटे तक और 19685 फीट की ऊंचाई पर रहकर अपने काम को अंजाम दे सकता है।