एक अलग 'सिख राष्ट्र' बनाने में जुटा खालिस्तान, यूके पुलिस की रेड में हुए बड़े खुलासे
यूके मेट्रोपालिटन पुलिस ने 15 नवंबर को 356 बाथ रोड हाउंस्लो (यूके) के साड्डा सुपरस्टोर की पहली मंजिल पर स्थित सिख फार जस्टिस (एसएफजे) के कार्यालय पर छापा मारा। पुलिस ने एसएफजे द्वारा आयोजित जनमत संग्रह से संबंधित सभी इलेक्ट्रानिक उपकरणों और दस्तावेजों को अपने कब्जे में ले लिया।
लंदन, एएनआइ। खालिस्तान, सिख फार जस्टिस (SFJ), जैसे फर्जी 'जनमत संग्रह' का सहारा लेकर एक अलग सिख राष्ट्र बनाने व खुद को एक अलग स्थान पर पहुंचाना चाहता है। यह बात ब्रिटेन की पुलिस द्वारा छापेमारी में सामने आई है। वहीं, पुलिस की ओर से बताया गया कि एक अलग सिख राष्ट्र की आवाज बुलंद करते खालिस्तानियों के कार्यक्रम में बेहद ही कम लोगों ने भाग लिया था।
यूके में भारतीय समुदाय से, विशेष रूप से लंदन में स्थित सिख समुदाय से, कुछ विश्वसनीय इनपुट के अनुसार, यूके मेट्रोपालिटन पुलिस ने 15 नवंबर को 356 बाथ रोड, हाउंस्लो (यूके) के साड्डा सुपरस्टोर की पहली मंजिल पर स्थित सिख फार जस्टिस (एसएफजे) के कार्यालय पर छापा मारा। डेलीसिख की रिपोर्ट में यह बात सामने आई।
पुलिस ने हाल ही में एसएफजे द्वारा आयोजित 'जनमत संग्रह' से संबंधित सभी इलेक्ट्रानिक उपकरणों और दस्तावेजों को अपने कब्जे में ले लिया। बताया गया कि 'जनमत संग्रह' बहुत कम लोगों के भाग लेने के साथ ही एक तमाशा निकला, ऐसी अटकलें रहीं कि एसएफजे सदस्य नकली पहचान पत्र बनाने के लिए विभिन्न इलेक्ट्रानिक उपकरणों का उपयोग कर रहे थे।
साथ ही 'जनमत संग्रह' के दौरान मतदान संख्या को बढ़ाने के लिए फर्जी मतदाताओं से संबंधित प्रासंगिक दस्तावेज भी प्राप्त हुए हैं।
पुलिस को एसएफजे प्रतिनिधियों द्वारा उनके कार्यालय में की जा रही नापाक गतिविधियों की सूचना मिली थी। गौरतलब है कि पुलिस नेपाकिस्तान से संबंध रखने वाले एक व्यक्ति को भी हिरासत में लिया है। बता दें ि एसएफजे द्वारा हाल ही में किए गए 'जनमत संग्रह' को ब्रिटेन में रहने वाले आठ लाख से अधिक सिख प्रवासियों ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। डेलीसिख की रिपोर्ट के अनुसार, वोट देने आए केवल खालिस्तानियों का एक चुनिंदा समूह और बिना किसी विशेष झुकाव वाले कुछ तटस्थ व्यक्ति थे, जिन्हें किसी न किसी बहाने मतदान केंद्रों पर ले जाया गया। यहां भारत में कृषि कानूनों के कारण एक साथ आए सिख भी बड़ी बात रही, एसएफजे के सदस्यों ने सिख समुदाय के कई सदस्यों को जनमत संग्रह में वोट देने के लिए झूठा राजी किया क्योंकि इसका प्रत्यक्ष रूप से किसान मुद्दे पर सीधा प्रभाव पड़ा।
ब्रिटिश सिख समुदाय आम तौर पर एसएफजे के पते पर की गई खोज सहित नवीनतम घटनाओं से अवगत हुआ है और राहत महसूस किया है कि आखिरकार, कानून एसएफजे की गतिविधियों को नियंत्रित करने में अपना काम कर रहा है। बता दें कि समुदाय वर्षों से गुस्से में है क्योंकि ऐसे तत्वों ने ब्रिटिश सिख समुदाय के भीतर और सिख और ब्रिटिश हिंदुओं के बीच दरार पैदा करने की कोशिश की है।