उत्तरी आयरलैंड हिंसा खत्म कराने वाले जॉन ह्यूम का निधन, कई सालों से चल रहे थे बीमार
उदारवादी सोशल डेमोक्रेटिक एंड लेबर पार्टी के कैथोलिक नेता ह्यूम को उत्तरी आयरलैंड में 1998 के शांति समझौते का मुख्य सूत्रधार माना जाता है।
लंदन, एएपी। अपने निवास क्षेत्र उत्तरी आयरलैंड में हिंसा खत्म कराने में काम करने के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित जॉन ह्यूम का निधन हो गया। उनके परिवार ने सोमवार को यह जानकारी दी। वह 83 वर्ष के थे और कई साल से बीमार चल रहे थे।
उदारवादी सोशल डेमोक्रेटिक एंड लेबर पार्टी के कैथोलिक नेता ह्यूम को उत्तरी आयरलैंड में 1998 के शांति समझौते का मुख्य सूत्रधार माना जाता है। क्षेत्र में जातीय हिंसा को समाप्त करने में भूमिका निभाने के लिए उन्हें अल्स्टर यूनियनिस्ट पार्टी के प्रोटेस्टेंट नेता डेविड ट्रिंबल के साथ नोबेल पुरस्कार मिला था।
तीन दशक से जारी हिंसा में वहां 3500 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। उन्होंने 1998 में कहा था, 'मैं आयरलैंड को एक उदाहरण के तौर पर देखना चाहता हूं जहां स्त्री-पुरुष सभी अपने विचारों के साथ कहीं भी आसानी से जी सकें, न कि एक-दूसरे से लड़ें और हर व्यक्ति एक-दूसरे को सम्मान के साथ देखे।' अहिंसा के समर्थक ह्यूम का जन्म 18 जनवरी 1937 को उत्तरी आयरलैंड के लंदनडेरी शहर में हुआ था।
रिपब्लिकन आर्मी का अस्तित्व आया था सामने
बता दें कि 1969 में उत्तरी आयरलैंड में नागरिक अधिकारों के लिए अभियान शुरु हुआ था। यह आरोप लगाए गए कि वहां अल्पसंख्यक कैथोलिक समुदाय दोयम दर्जे की जिंदगी जीने पर मजबूर है। लेकिन जल्दी ही इस अभियान को दबा दिया गया। इसके बाद शुरुआत हुई राजनीतिक हिंसा की और इस तरह प्रोविजनल आयरिश रिपब्लिकन आर्मी का अस्तित्व सामने आया।
उत्तरी आयरलैंड में 1970 से शुरु हुए हिंसा के दौर के बाद उत्तरी आयरलैंड संसद स्थगित कर दी गई और ब्रिटेन सरकार ने उत्तर आयरलैंड सरकार के सारे काम और अधिकार अपने हाथ में ले लिए। इसके बाद से ही उत्तरी आयरलैंड का सारा कामकाज उत्तरी आयरलैंड मामलों का एक मंत्री करता है जो ब्रिटिश कैबिनेट का सदस्य है। ब्रिटेन सरकार का यह नियंत्रण 1998 तक चला जब उत्तरी आयरलैंड के भविष्य के लिए एक समझौता किया गया। इस समझौते को गुड फ्राइडे या बेलफास्ट समझौते का नाम दिया गया था।