ब्रिटेन में आतंकवाद फैलाने का दोषी ठहराया गया आइएसआइएस समर्थक
कुख्यात आतंकी संगठन आइएसआइएस के समर्थक को फेसबुक पर वैश्विक आतंकी संगठन को प्रोत्साहित करने का दोषी ठहराया गया है। एक वीडियो में उसने सेंट्रल लंदन पर हमले का आह्वान किया था। मेट्रोपोलिटन पुलिस के आतंकवाद विरोधी कमान की जांच के बाद उसे दोषी करार दिया गया है।
लंदन, प्रेट्र। कुख्यात आतंकी संगठन आइएसआइएस के समर्थक को फेसबुक पर वैश्विक आतंकी संगठन को प्रोत्साहित करने का दोषी ठहराया गया है। एक वीडियो में उसने सेंट्रल लंदन पर हमले का आह्वान किया था। मेट्रोपोलिटन पुलिस के आतंकवाद विरोधी कमान की जांच के बाद उसे दोषी करार दिया गया है। अगले महीने होने वाली सुनवाई में उसे सजा सुनाई जाएगी।
पूर्वी लंदन के शेहरोज इकबाल को ओल्ड बैली कोर्ट ने एक दिन पहले मंगलवार को देश में आतंक को प्रोत्साहन देने का दोषी करार दिया था। सुनवाई के दौरान शहरोज इकबाल ने दावा किया कि वह 'अटैक अटैक' कह रहा था क्योंकि वह अपने पूर्व पालतू कुत्ते रॉकी को एक जर्मन शेफर्ड की तरह बनाना चाहता था, जो आज्ञाओं का पालन कर रहा था, लेकिन एक जूरी ने मंगलवार को 29 वर्षीय दोषी के सभी स्पष्टीकरण को खारिज कर दिया। ओल्ड बैली कोर्ट को बताया गया कि इकबाल ने 11 मार्च को साउथबैंक सेंटर की यात्रा की और हेवर्ड गैलरी से स्थलों को फिल्माया।
अभियोजक केट विल्किंसन ने कहा कि उसने आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए एक चरमपंथी व्हाट्सएप ग्रुप में वीडियो डाला। डार्क टू लाइट नाम के 22 मजबूत समूह में एक कुख्यात इस्लामिक उपदेशक शामिल है, जिसे अबू हलीमा के नाम से जाना जाता है, जिसके अंजाम चौधरी और लंदन ब्रिज हमले के सरगना खुरम बट से संबंध थे।
हलीमा, जिसे पहले शकील छपरा के नाम से जाना जाता था, को चरमपंथी वीडियो की एक श्रृंखला के बाद मुख्यधारा के सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से प्रतिबंधित कर दिया गया था। कोर्ट ने सुना कि इकबाल ने एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर हलीमा का अनुसरण किया और अपने फोन में उसके वीडियो संग्रहीत किए।
मेट्रो पुलिस आतंकवाद विरोधी कमान के प्रमुख कमांडर रिचर्ड स्मिथ ने कहा, 'शेहरोज इकबाल कट्टरपंथी दिमाग वाला एक अस्थिर व्यक्ति है। अब उसे कठघरे तक लाया गया है। आतंक रोधी अधिकारियों की निगरानी को धन्यवाद कि हमने इकबाल की गैरकानूनी गतिविधियों की पहचान कर सके। हम उसे अत्यंत घातक गतिविधियों को अंजाम देने से रोकने में समर्थ हो सके।'
पुलिस के आतंक रोधी कमान के जासूसों ने शेहरोज को अपने ओपन फेसबुक पेज पर आइएस का दुष्प्रचार शेयर करते पाया। जांच के बाद उसे छह अप्रैल को गिरफ्तार किया गया और आतंक फैलाने का आरोप लगाया गया।