ब्रिटिश पीएम जानसन होंगे गणतंत्र दिवस पर मेहमान, पीएम मोदी ने दिया था आमंत्रण

गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत की तरफ से ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि के रूप में आने के लिए आमंत्रित किया गया है। वहीं जॉनसन भी भारत आने के लिए काफी उत्सुक हैं लेकिन उनके आने की औपचारिक पुष्टि नहीं की गई है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 05:25 PM (IST) Updated:Thu, 03 Dec 2020 07:26 AM (IST)
ब्रिटिश पीएम जानसन होंगे गणतंत्र दिवस पर मेहमान, पीएम मोदी ने दिया था आमंत्रण
गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे बोरस जॉनसन

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। ब्रिटेन के पीएम बोरिस जानसन इस बार गणतंत्र दिवस पर भारत के राजकीय मेहमान हो सकते हैं। पिछले दिनों जानसन के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने स्वयं उन्हें इसका आमंत्रण दिया था। सूत्रों के अनुसार ब्रिटिश सरकार ने इस आमंत्रण पर अपनी स्वीकृति दे दी है। उल्लेखनीय है मोदी व जानसन के बीच 27 नवंबर को बातचीत हुई थी जिसमें कोविड-19 महामारी, पर्यावरण व द्विपक्षीय कारोबार जैसे मुद्दों पर खास तौर पर चर्चा हुई थी। माना जा रहा है कि कोरोना महामारी ने जिस तरह से वैश्विक कूटनीति और अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है उसके मद्देनजर दोनों देश आपसी रिश्तों को नई दिशा देने पर विचार कर रहे हैं। बातचीत में पीएम ने उन्हें गणतंत्र दिवस पर भारत आने का न्योता दिया।

अंतिम बार वर्ष 1993 में ब्रिटेन के पूर्व पीएम जॉन मेजर गणतंत्र दिवस पर राजकीय मेहमान बने थे। वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद पीएम मोदी हर वर्ष वैश्विक कूटनीति के दमदार शख्सियतों को गणतंत्र दिवस पर राजकीय मेहमान के तौर पर आमंत्रित करते रहे हैं।मोदी व जॉनसन के बीच 27 नवंबर को बातचीत हुई थी जिसमें कोविड-19 महामारी, पर्यावरण व द्विपक्षीय कारोबार जैसे मुद्दों पर खास तौर पर चर्चा हुई थी। माना जा रहा है कि कोविड-19 महामारी ने जिस तरह से वैश्विक कूटनीति और अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है, उसके मद्देनजर दोनों देश आपसी रिश्तों को नई दिशा देने पर विचार कर रहे हैं।

ऐसे में जॉनसन का बतौर राजकीय मेहमान भारत के आधिकारिक दौरे पर आने से ना सिर्फ द्विपक्षीय रिश्तों में मौजूदा शिथिलता को दूर किया जा सकेगा, बल्कि बदलते परिवेश के तहत नए लक्ष्य भी तय किये जा सकेंगे। भारत व ब्रिटेन के बीच अभी दो सबसे अहम मुद्दे हैं, जिस पर बेहद गंभीर विमर्श की जरूरत है। हिंद-प्रशांत सागर क्षेत्र में दोनों देशों को आपसी साझेदारी की राह निकालनी है तो दूसरा, मुक्त व्यापार क्षेत्र को लेकर बातचीत शुरू करनी है।फरवरी, 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा के बाद किसी भी दूसरे वैश्विक नेता ने भारत की यात्रा नहीं की है। असलियत में कोरोना की वजह से तमाम देशों में राजनयिक यात्राओं पर एक तरह से रोक लगी हुई है। इस तरह से बोरिस जॉनसन कोरोना काल की शुरुआत के बाद भारत की यात्रा पर आने वाले पहले विदेशी मेहमान हो सकते हैं।

chat bot
आपका साथी