Coronavirus Treatment: कोरोना मरीजों के इलाज के लिए शोधकर्ताओं ने खोजी नई दवा

Coronavirus Treatment शोधकर्ताओं के अनुसार रूस में इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए एप्रोटीनिन एरोसोल को मंजूरी दी गई है और इसका इस्तेमाल कोरोना के मरीजों पर के इलाज के लिए परीक्षण के रूप में आसानी से किया जा सकता है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 02:58 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 03:07 PM (IST)
Coronavirus Treatment: कोरोना मरीजों के इलाज के लिए शोधकर्ताओं ने खोजी नई दवा
कोरोना मरीजों के इलाज के लिए शोधकर्ताओं ने खोजी नई दवा।

लंदन, आइएएनएस। Coronavirus Treatment, कोरोना के खिलाफ जारी जंग में वैक्सीन से लेकर दवाईओं तक पर कई शोध किए जा रहे हैं। ऐसे ही एक शोध में शोधकर्ताओं ने अब एक दवा की पहचान की है जो कोरोना के मरीजों के इलाज की क्षमता रखती है। एक शोध जर्नल सेल में प्रकाशित अध्ययन में पाया गया कि एप्रोटीनिन(Aprotinin) नाम की दवा ने कोरोना संक्रमण के वायरस SARS-CoV-2 के खिलाफ प्रतिक्रिया दिखाई है जो लोगों में कोविड-19 का कारण बनता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, रूस में इन्फ्लूएंजा के इलाज के लिए एप्रोटीनिन एरोसोल को मंजूरी दी गई है और इसका इस्तेमाल कोरोना मरीजों के इलाज के लिए परीक्षण के रूप में आसानी से किया जा सकता है।

इस शोध  के लेखक मार्टिन माइकलिस ने कैंट विश्वविद्यालय के अध्ययनकर्ता मार्टिन माइकलिस के हवाले से बताया कि इन्फ्लूएंजा के मरीजों में एरोटिनिन एरोसोल को बहुत अच्छी तरह से सहन करने की क्षमता देखी गई है। इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि यह गंभीर कोरोना मरीजों के इलाज में मदद कर सकती है। एप्रोटीनिन(Aprotinin) को TMPRSS2 जीन को रोकने के तौर पर पाया गया था और इसे इन्फ्लूएंजा वायरस और कोरोना वायरस के एक उपचार विकल्प के रूप में सुझाया गया है।

शोध के निष्कर्षों से पता चला है कि एप्रोटीनिन(Aprotinin)ने अलग-अलग सेल प्रकारों (Caco2, Calu-3, और प्राथमिक ब्रोन्कियल एपिथेलियल सेल एयर-लिक्विड इंटरफ़ेस संस्कृतियों) में SARS-CoV-2 गतिविधि को प्रदर्शित किया और इस दौरान इसने चार वायरस अलग-थलग कर दिए हैं। शोध में आगे कहा गया है कि एक अनुमोदित एप्रोटीनिन(Aprotinin) एरोसोल SARS-CoV-2 प्रतिकृति के प्रारंभिक स्थानीय नियंत्रण और एक गंभीर, प्रणालीगत बीमारी कोविद -19 प्रगति की रोकथाम के लिए संभावित हो सकता है।

लंबे समय तक परेशान करता है वायरस

कोरोना वायरस के बारे में अभी तक ये देखा गया है कि सभी रोगियों में एक से लक्षण नज़र आते हैं। रोगियों के लक्षण ही उनके संक्रमण की गंभीरता को तय करते हैं। कुछ लोगों में इस संक्रमण के गंभीर लक्षण उत्पन हो जाते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि खास तरह के लक्षणों से पता चल सकता है कि एक व्यक्ति कोरोना से लंबे समय तक जूझेगा या नहीं। यही कोरोना का ऐसा साइड-इफेक्ट जो मरीजों को प्रभावित कर रहा है। 

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