ब्रिटेन की पहली महिला आत्मघाती हमलावार बोली, श्रीलंका जैसे हमलों की थी योजना

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पश्चिम लंदन के हाउंस्लो में जन्मी 36 वर्षीय शेख को जब उसकी कोठरी में ले जाया जा रहा था तो उसने अपनी तर्जनी अंगुली उठाकर आइएस लड़ाकों की तरह सैल्यूट किया।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 12:58 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 01:05 AM (IST)
ब्रिटेन की पहली महिला आत्मघाती हमलावार बोली, श्रीलंका जैसे हमलों की थी योजना
ब्रिटेन की पहली महिला आत्मघाती हमलावार बोली, श्रीलंका जैसे हमलों की थी योजना

लंदन, एएनआइ। ब्रिटेन की पहली महिला आत्मघाती हमलावर साफिया शेख ने पुलिस को एक साक्षात्कार में बताया है कि वह श्रीलंका जैसे आतंकी हमलों की योजना बना रही थी। उसे 14 साल की सजा सुनाई गई है।

श्रीलंका में पिछले साल 21 अप्रैल को विभिन्न चर्चो और होटलों पर आठ आतंकी बम विस्फोट हुए थे जब लोग ईस्टर का पर्व मना रहे थे। इन हमलों में 250 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम लंदन के हाउंस्लो में जन्मी 36 वर्षीय शेख को जब उसकी कोठरी में ले जाया जा रहा था तो उसने अपनी तर्जनी अंगुली उठाकर आइएस लड़ाकों की तरह सैल्यूट किया। सिंगल मदर शेख ने एक अंडरकवर पुलिस अधिकारी को बताया कि वह इतिहास बनाना चाहती थी और ज्यादा से ज्यादा काफिरों को मारना चाहती थी। रिपोर्ट के मुताबिक दो बम लगाने के बाद वह लंदन अंडरग्राउंड में खुद को बम से उड़ा लेना चाहती थी।

ब्रिटेन ने पिछले वर्ष में तीन आतंकवादी-संबंधी हमले 

नवंबर में ब्रिटिश राजधानी के केंद्र में लंदन ब्रिज के पास एक दोषी जिहादी, जिसे आतंकी अपराधों के लिए सजा देने के बाद पैरोल पर बाहर लाया गया था, को पांच लोगों की हत्या के बाद पुलिस ने गोली मार दी थी। सशस्त्र पुलिस ने फरवरी में दक्षिण लंदन के स्ट्राथम क्षेत्र में एक हमले में एक अन्य हमलावर को मार डाला, जिसमें तीन लोग घायल हो गए। सबसे हालिया हमले में पिछले महीने लंदन के पश्चिम में रीडिंग के एक पार्क में तीन लोगों की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी।

श्रीलंका हमले जैसे की थी योजना

बता दें कि श्रीलंका में पिछले साल एक के बाद एक आठ धमाकों व आत्मघाती हमलों से दहल उठा था। ईसाइयों के पर्व ईस्टर के मौके पर विभिन्न चर्च और पांच सितारा होटलों को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमलों में 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे। इसे श्रीलंका के इतिहास में सबसे भयावह हमला माना गया था। हमले के बाद श्रीलंका सरकार ने पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया था। पोप फ्रांसिस और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत विश्व के प्रमुख नेताओं ने इस कायराना हमले की कड़े शब्दों में निंदा की थी।

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