क्या कोरोना से प्रभावित नहीं होते बच्चों और युवाओं के फेफड़े? पढ़ें- नए अध्ययन में सामने आई ये बात

यह अध्ययन 22 साल की उम्र वाले 661 लोगों पर अक्टूबर 2020 से मई 2021 तक किया गया। सभी के फेफड़ों के कार्य करने का पूरा डाटा इकट्ठा किया गया। उनका इम्यून सिस्टम भी निरंतर जांचा गया। इस अध्ययन के बाद अब ज्यादा लोग इसमें शामिल होंगे।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Tue, 07 Sep 2021 05:21 PM (IST) Updated:Tue, 07 Sep 2021 05:21 PM (IST)
क्या कोरोना से प्रभावित नहीं होते बच्चों और युवाओं के फेफड़े? पढ़ें- नए अध्ययन में सामने आई ये बात
क्या कोरोना से प्रभावित नहीं होते बच्चों और युवाओं के फेफड़े? पढ़ें- नए अध्ययन में सामने आई ये बात

लंदन, आइएएनएस। कोरोना के बाद के प्रभावों को लेकर पूरी दुनिया में चिंता बनी हुई है। अब एक नए अध्ययन में सामने आया है कि बच्चों और युवाओं के फेफड़े कोरोना से प्रभावित नहीं होते हैं। यहां तक इस उम्र वर्ग के अस्थमा के मरीजों पर किए अध्ययन में भी कोरोना वायरस से कोई विशेष नुकसान होने की जानकारी नहीं मिली।

यूरोपियन रेस्पिरेटरी सोसाइटी इंटरनेशनल कांग्रेस में पेश किए गए अध्ययन में यह जानकारी दी गई है। यह अध्ययन स्वीडन के स्टाकहोम स्थित कोरोलिंस्का इंस्टीट्यूट ने किया है। अध्ययन करने वाली टीम की ईडा मोजेनसेन ने बताया कि कोरोना से पीडि़त इस उम्र वर्ग में फेफड़ों में सामान्य से थोड़ा कम सांस भरने की जरूर जानकारी मिली, लेकिन फेफड़े सामान्य रूप से कार्य कर रहे थे। कोरोना से पीडि़त बच्चों और युवाओं में से अस्थमा के 123 लोगों पर भी यह अध्ययन किया गया। सभी में किसी भी तरह की सांस संबंधी दिक्कत नहीं मिली, लेकिन फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी देखी गई। यह कमी इतनी महत्वपूर्ण नहीं थी।

यह अध्ययन 22 साल की उम्र वाले 661 लोगों पर अक्टूबर 2020 से मई 2021 तक किया गया। सभी के फेफड़ों के कार्य करने का पूरा डाटा इकट्ठा किया गया। उनका इम्यून सिस्टम भी निरंतर जांचा गया।

प्रारंभिक तौर पर किए गए इस अध्ययन के बाद अब ज्यादा लोगों को इसमें शामिल किया जा रहा है। यह देखा जाएगा कि सीमित लोगों पर किए गए अध्ययन के बाद वृहद अध्ययन से परिणामों में क्या अंतर आता है। विशेषतौर पर कोरोना पीडि़त अस्थमा के मरीजों पर और अध्ययन किया जाना आवश्यक है।

chat bot
आपका साथी