अफगानिस्तान: पंजशीर घाटी के विद्रोहियों के साथ राजनीतिक समझौते को तालिबान तैयार, काबुल में रूसी राजदूत का दावा

इससे पहले भी रूस (Russia) के विदेश मंत्री सर्गेई लवरोव ने तालिबान को चेतावनी दी थी कि अफगानिस्‍तान की पंजशीर घाटी (Panjshir Valley) में विद्रोही जमा हो रहे हैं। पंजशीर घाटी के विद्रोही लगातार विरोध कर रहे हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Sun, 22 Aug 2021 09:54 AM (IST) Updated:Sun, 22 Aug 2021 09:58 AM (IST)
अफगानिस्तान: पंजशीर घाटी के विद्रोहियों के साथ राजनीतिक समझौते को तालिबान तैयार, काबुल में रूसी राजदूत का दावा
पंजशीर घाटी के विद्रोहियों के साथ समझौते को तैयार तालिबान।(फोटो: दैनिक जागरण)

मास्को, एपी। अफगानिस्‍तान (Afghanistan) में तालिबान के खिलाफ विद्रोह का बिगुल बजने के बाद अब तालिबान पंजशीर घाटी (Panjshir Valley) के विद्रोहियों के सामने घुटने टेकता नजर आ रहा है। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रूसी राजदूत ने इसको लेकर बड़ा बय़ान दिया है। काबुल में रूसी राजदूत ने कहा है कि तालिबान ने उनके दूतावास से उत्तरी अफ़ग़ानिस्तान में बसे विद्रोहियों को एक समझौते के अपने प्रस्ताव से अवगत कराने के लिए कहा है। काबुल में रूस के राजदूत दिमित्री झिरनोव ने शनिवार को कहा कि तालिबान के राजनीतिक नेतृत्व के एक वरिष्ठ सदस्य ने रूस से पंजशीर घाटी में रह रहे विद्रोहिय़ों को यह बताने के लिए कहा है कि तालिबान उनके साथ एक राजनीतिक समझौते को तैयार है। रूसी राजनयिक का कहना है कि तालिबान का दावा है कि वो इस इलाके में खूनखराबा नहीं चाहता है।

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्‍तान की पंजशीर घाटी (Panjshir Valley) में विद्रोही जमा हो रहे हैं जिसका नेतृत्‍व देश के उप राष्‍ट्रपति अमरुल्‍लाह सालेह और अहमद मसूद कर रहे हैं। पंजशीर घाटी में अफगानिस्‍तान के उप राष्‍ट्रपति और अहमद मसूद तालिबान शासन का विरोध कर रहे हैं।

अफगानिस्‍तान की पंजशीर घाटी फिर से विद्रोह का केंद्र बन गई है। यह घाटी चारों तरफ से पहाड़ों से घिरी है, इसकी वजह से तालिबानी आजतक कभी भी यहां पर कब्‍जा नहीं कर पाए हैं। अब यही से सालेह और मसूद दोनों तालिबान के खिलाफ विद्रोह के लिए लड़ाकुओं को इकट्टा कर रहे हैं। रूस ने इससे पहले भी इस बात को कहा था कि विद्रोहियों से बातचीत की जाए ताकि हिंसा की आंच पूर्व सोवियत संघ के देशों उज्‍बेकिस्‍तान और ताजिकिस्‍तान तक न पहुंच जाए।

तालिबानी पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा नहीं कर पाए हैं। पंजशीर घाटी में उन्हें चुनौती दी जा रही है। काबुल के उत्तर-पूर्व में करीब 150 किलोमीटर दूर पंजशीर दुर्गम इलाका है। यहां पर सत्ता खो चुकी अफगान सरकार के नेताओं और उनके समर्थकों के एकत्रित होने की सूचना है। वह आखिरी सांस तक तालिबान से लड़ेंगे।

उल्लेखनीय है कि पंजशीर के शेर के नाम से मशहूर अहमद शाह मसूद ने नार्दन एलायंस नाम से लड़ाकों का गठबंधन तैयार कर तालिबान से लगातार संघर्ष किया। बाद में धोखे से हमला कर उनकी हत्या कर दी गई थी। सालेह की मुहिम में शामिल अहमद मसूद उन्हीं अहमद शाह मसूद का बेटा है।

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