रूसी राष्‍ट्रपतियों के लिए पुतिन का कदम, नए विधेयक पर किया हस्‍ताक्षर; जानें क्‍या कहता है ये कानून

रूस में एक नया विधेयक राष्‍ट्रपति पुतिन के हस्‍ताक्षर के बाद कानून बन गया है। इसके तहत पूर्व राष्ट्रपति और उनके परिवारों को उनके जीवनकाल के दौरान किए गए अपराधों के लिए अभियोजन पक्ष से प्रतिरक्षा प्रदान किया जाएगा।

By Monika MinalEdited By: Publish:Wed, 23 Dec 2020 12:23 PM (IST) Updated:Wed, 23 Dec 2020 12:36 PM (IST)
रूसी राष्‍ट्रपतियों के लिए पुतिन का कदम, नए विधेयक पर किया हस्‍ताक्षर; जानें क्‍या कहता है ये कानून
रूस के संविधान में बदलाव, राष्‍ट्रपतियों के लिए नया कानून

मॉस्‍को, रॉयटर्स। रूस के संविधान में नया संशोधन किया गया है। इसके तहत रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (President Vladimir Putin) और उनके परिवार के पद से हटने के बाद भी आपराधिक मुकदमा नहीं दर्ज हो पाएगा। राष्‍ट्रपति पुतिन  ने मंगलवार को इस नए विधेयक पर हस्‍ताक्षर किया। अब पूर्व रूसी राष्‍ट्रपतियों को किसी भी अपराध के लिए आजीवन प्रतिरक्षा प्रदान किया जाएगा साथ ही वे पुलिस की पूछताछ से भी बचे रहेंगे।और क्रेमलिन छोड़ने के बाद उन्हें आजीवन संसद के ऊपरी सदन में सीनेटर बनने की भी अनुमति होगी। हालांकि, इस कानून में कुछ परिस्थितियों में किए गए गंभीर अपराध और राजद्रोह के मामलों को अपवाद की कैटेगरी में रखा गया है। इन हालात में पूर्व राष्ट्रपतियों पर मुकदमा हो सकता है।  

रूस की राजनीतिक व्‍यवस्‍था में ये हुए बदलाव

यह विधेयक रूस की संसद के दोनों सदनों से पास किया जा चुका है। बता दें कि पुतिन को  रूस के दोनों सदनों में समर्थन हासिल है। रूस के सभी राजनेताओं ने इस विधेयक का समर्थन किया है। यह नया कानून इस साल पुतिन द्वारा शुरू किए गए रूस की राजनीतिक व्‍यवस्‍था में बदलाव का ही हिस्‍सा है। इस वर्ष जुलाई में जिन संवैधानिक संशोधनों के लिए जनमत संग्रह में सहमति मिली थी, यह उसका ही हिस्सा है। इसमें यह भी कहा गया कि वर्ष 2036 तक  पुतिन देश के  राष्ट्रपति पद पर बने रहेंगे यानि पुतिन को दो और कार्यकाल की अनुमति होगी। पुतिन की उम्र 68 साल है और उनका चौथा कार्यकाल 2024 में पूरा हो रहा है, लेकिन संवैधानिक बदलाव के बाद वे छह साल के दो और कार्यकाल पूरा कर सकते हैं। पुतिन साल 2000 से ही रूस की सत्ता में हैं। 

दमित्रीदेव को भी मिलेगा इसका लाभ 

पूर्व राष्‍ट्रपतियों में अभी एकमात्र दमित्री मेदवेदेव जीवित हैं जो पुतिन के सहयोगी हैं। नए विधेयक के तहत रूस के पूर्व राष्ट्रपति के साथ-साथ उनके परिवार के लोग भी पुलिस जांच और पूछताछ के दायरे से बाहर होंगे। साथ ही इन लोगों की संपत्ति भी जब्त नहीं की जा सकेगी। बता दें कि पुतिन 2020 के अंत में भारत आने वाले थे लेकिन अब अगले वर्ष भारत का दौरा करेंगे। भारत में रूसी राजदूत निकोलाई कुदाशेव (Nikolay Kudashev) ने बताया कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इस साल भारत दौरे पर नहीं आ सके। 

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