रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने ली कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक, 23 मार्च को ली थी पहली खुराक
2019 के अंत से चीन से निकले घातक कोरोना वायरस संक्रमण ने पूरी दुनिया को अपने चंगुल में जकड़ रखा है। इससे बचाव के लिए तमाम देशों में कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत हो चुकी है। सबसे पहले रूस ने ही वैक्सीन को विकसित करने में सफलता हासिल की।
मॉस्को, आइएएनएस। रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने बताया कि उन्होंने कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी खुराक ली है। उन्होंने 23 मार्च को वैक्सीन की पहली खुराक ली थी। उन्होंने 23 मार्च को वैक्सीन की पहली खुराक ली थी। पहली खुराक लेने के बाद क्रेमलिन प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव (Dmitry Peskov) ने बताया था कि पुतिन बेहतर महसूस कर रहे हैं और एक भी दिन उन्होंने काम से छुट्टी नहीं ली।
उन्होंने कहा, 'मैंने वैक्सीन की दूसरी डोज ली। मुझे उम्मीद है कि सब कुछ ठीक होगा। मुझे आशा ही नहीं बल्कि विश्वास है।' राष्ट्रपति पुतिन ने पत्रकारों से बताया कि दूसरी डोज लेने के बाद उन्हें किसी तरह के प्रतिकूल प्रभाव का अनुभव नहीं हो रहा है। पुतिन ने कहा, 'जैसा कि आप देख रहे हैं, सबकुछ सामान्य है, कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं।' उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने उन्हें बताया है कि वैक्सीन का पहला डोज लगवाने के बाद उन्होंने 'अच्छी प्रतिरोधी प्रतिक्रिया' विकसित कर ली है।
उल्लेखनीय है कि रूस में कोविड-19 के खिलाफ बड़े पैमाने पर वैक्सीन कैंपेन शुरू होने के बाद पुतिन ने वैक्सीन लगवाया था, जिसकी वजह से लोगों ने हैरानी भी जताई थी। कुछ आलोचकों ने तो यह तक कहा था कि इससे जनता में वैक्सीन को लेकर पहले से मौजूद हिचकिचाहट और बढ़ रही है। देश में निर्मित 3 वैक्सीन- स्पुतनिक वी, एपीवैक कोरोना और कोवीवैक को मंजूरी मिली है। इन तीनों को ही अग्रिम चरणों के परीक्षण पूरा होने से पहले ही मंजूरी दे दी गई थी और विशेषज्ञों का कहना है कि स्थापित वैज्ञानिक नियमों के आधार पर इनका सुरक्षित व प्रभावी होना सुनिश्चित किया जाना जरूरी है।
वर्ष 2019 के अंत में चीन के वुहान से निकले घातक कोरोना वायरस के संक्रमण ने दो-तीन माह के भीतर ही पूरी दुनिया को चपेट में ले लिया। इसके बाद 11 मार्च 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे महामारी घोषित कर दिया। इस संक्रमण से बचाव के लिए दुनिया के तमाम देश जद्दोजहद कर रहे हैं।