9 मैक की रफ्तार से उड़कर दुश्‍मन को तबाह कर सकती है रूस की शक्तिशाली जिरकॉन मिसाइल, जानें दूसरी खासियतें

रूस की जिरकॉन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल 9 मैक की गति से उड़कर दुश्‍मन पर अचूक वार कर सकती है। इसमें स्‍क्रैमजेट इंजन लगा है। इसको यदि उड़ान के दौरान रोका गया तो ये नष्‍ट होकर भी काफी तबाही मचा सकती है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Sun, 13 Dec 2020 03:10 PM (IST) Updated:Sun, 13 Dec 2020 03:10 PM (IST)
9 मैक की रफ्तार से उड़कर दुश्‍मन को तबाह कर सकती है रूस की शक्तिशाली जिरकॉन मिसाइल, जानें दूसरी खासियतें
9 मैक की गति से सकती है रूस की जिरकॉन मिसाइल

मास्‍को (आईएएनएएस)। रूस एक बार फिर से अपनी सैन्‍य क्षमता में तेजी लाता दिखाई दे रहा है। हाल ही में रूस ने अपनी मिसाइल परीक्षण में तेजी दिखाई है। इसके तहत ही उसने अपनी शक्तिशाली जिरकॉन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल का भी परीक्षण किया है। ये टेस्‍ट नॉर्दन कमांड के जहाज एडमिरल गॉर्शकॉव से किया है।

रूसी रक्षा मंत्रालय ने इस टेस्‍ट को पूरी तरह से सफल बताया हे। मंत्रालय के मुताबिक जिरकॉन मिसाइल ने श्‍वेत सागर से 350 किमी दूर मौजूद अर्खन्गेल्स्क क्षेत्र के चिजा प्रशिक्षण मैदान में स्थित नौसैनिक लक्ष्य को सफलतापूर्वक मार गिराया। आपको बता दें कि इस मिसाइल का परीक्षण अक्‍टूबर से लगातार किया जा रहा है। 6 अक्‍टूबर को भी इसी जंगी जहाज से इस मिसाइल का परीक्षण किया गया था। इस मिसाइल में स्क्रैमजेट इंजन का उपयोग किया गया है। इस इंजन की सबसे बड़ी खसियत ये है कि ये कि हवा में मौजूद ऑक्सीजन का प्रयोग करता है। जिरकॉन मिसाइल की एक खासियत और भी है। इस मिसाइल को फायर करने के बाद यदि रोकने की कोशिश की गई तो भी इसका मलबा काफी विनाश मचा सकता है।

मार्च 2017 में भी रूस ने जिरकॉन हाइपरोनिक एंटी शिप मिसाइल का परीक्षण किया था। इसकी रफ्तार 7400 किमी प्रति घंटा थी। जिस मिसाइल का टेस्‍ट अब किया गया है उसकी लंबाई करीब 8-10 मीटर तक है। वहीं यदि इसकी स्‍पीड की बात करें तो ये 8-9 मैक की गति से उड़ सकती है। इसका अर्थ है कि ये मिसाइल 9800 किमी से लेकर 11025 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में उड़ सकती है। इसको सबमरीन, जंगी जहाज और जमीन पर लॉन्‍चर के साथ दागा जा सकता है। इस मिसाइल 300-400 किग्रा तक वजनी वारहेड ले जा सकती है। इस मिसाइल की रेंज की यदि बात करें तो ये करीब 1000-2000 किमी तक है। इसको 28 किमी की ऊंचाई से भी दागा जा सकता है।

इस मिसाइल की शुरुआत फरवरी 2011 में रूस के तत्‍कालीन उप रक्षा मंत्री व्‍लादिमीर पोपोवकिन की घोषणा से हुई थी। पहली बार इस मिसाइल का परीक्षण 2015 में किया गया था। जिरकॉन की सफलता के बाद राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन ने कहा कि ये मिसाइल अपने तय समय के साथ आगे बढ़ रही है। उनके मुताबिक ये नेवल और ग्राउंड टार्गेट को तबाह कर सकती है। रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक रूस ने जिरकॉन के परीक्षण लिए 3एस-14 यूनिवर्सल शिपबॉर्न लॉन्‍चर का इस्‍तेमाल किया था।

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