रूस, चीन, अमेरिका और पाकिस्तान अफगानिस्तान में मध्यस्थता के लिए तैयार : रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव
अफगानिस्तान पर तालिबान के काबिज होने के बाद विश्वभर के देश अफगान को इस संकट से निकालने के लिए चिंतित है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मंगलवार को कहा रूस चीन अमेरिका और पाकिस्तान यह सभी देश अफगानिस्तान में संकट को सुलझाने में मध्यस्थ करने में रुचि है।
मास्को, रायटर। अफगानिस्तान पर तालिबान के काबिज होने के बाद विश्वभर के देश अफगान को इस संकट से निकालने के लिए चिंतित है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने मंगलवार को कहा, रूस, चीन, अमेरिका और पाकिस्तान अफगानिस्तान में संकट को सुलझाने में मध्यस्थता में रुचि दिखा रहे हैं ।
लावरोव ने कहा हम अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता स्थापित करने के कार्य के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि इससे क्षेत्र को कोई खतरा न हो। लावरोव ने यह भी कहा कि रूस ने अफगान शरणार्थियों को मध्य एशिया में प्रवेश करने की अनुमति देने के विचार का विरोध किया। पूर्व सोवियत क्षेत्र जो रूस और अफगानिस्तान के बीच स्थित है, या वहां अमेरिकी सैनिक हैं। रूस मध्य एशिया के पूर्व सोवियत गणराज्यों के साथ घनिष्ठ संबंध रखता है और इस क्षेत्र को अपने हित के क्षेत्र के हिस्से के रूप में मानता है।
कुछ दिन पहले पंजशीरी मुजाहिदीन के कमांडरों, विद्वानों और पंजशीर के बुजुर्गों के साथ अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और डॉ अब्दुल्ला ने बैठक की थी। बताया गया कि इस बैठक का अहम मकसद तालिबान और उत्तरी गठबंधन के साथ मध्यस्थ थी। 15 अगस्त को तालिबान द्वारा देश पर कब्जा कर लिया गया था। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ कई लोग अपना मुल्क छोड़ कर भाग गए है।
अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में पंजशीर ही एक ऐसा प्रांत है जिसने तालिबान के सामने अपने घुठने नहीं टेके। पंजशीर में सभी तालिबान विरोधी जमा हो गए है जिससे उनकी ताकत में भी इजाफा हो गया है। पंजशीर में इस समय अपदस्थ सरकार के उपराष्ट्रपति अमरूल्ला सालेह और नार्दन एलायंस मिलिशया कमांडर के बेटा है। तालिबान पंजशीर पर अपना कब्जा कर एकल सम्राज्य स्थापित करना चाहती है, मगर पंजशीर की सेना तालिबान आतंकियों का कड़ा मुकाबला कर रही है। तालिबान ने देश में अब तक 33 प्रांतों पर अपना कब्जा जमा लिया है।