Tajik-Afghan Border: अफगान के शरणार्थियों के लिए ताजिकिस्तान ने खोले द्वार, रूस की मदद से सीमा पर बनाएगा चौकी
अफगानिस्तान में विदेशी सेनाओं की वापसी के बीच तालिबानी विद्रोहियों के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पड़ोसी देश ताजिकिस्तान ने सीमा पर चौकी बनाने का फैसला लिया जिसमें रूस की ओर से इसे मदद मिलेगी। अगले माह ताजिक-अफगान सीमा पर संयुक्त सैन्य अभ्यास भी किया जाना है।
मास्को, रॉयटर्स। अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी के साथ ही तालिबानी विद्रोहियों के कारण हालात खराब हैं। इसे देखते हुए पड़ोसी देश ताजिकिस्तान ने तैयारियां शुरू कर दी है। सबसे पहले अफगानिस्तान से लगने वाली सीमा पर यह चौकी का निर्माण करेगा जिसमें रूस की ओर से सहायता मिल रही है। इसके बाद ताजिकिस्तान ने अफगानिस्तान से आने वाले शरणार्थियों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं।
होगा संयुक्त सैन्य अभ्यास
उल्लेखनीय है कि अगले माह ताजिक-अफगान सीमा पर रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान ने मिलकर संयुक्त सैन्य अभ्यास करने का फैसला किया है। इसके लिए मॉस्को ने पहले ही अपने ताजिक बेस पर नए हार्डवेयर की डिलीवरी शुरू कर दी है। अफगानिस्तान में बढ़ी तालिबानी गतिविधियों को देखते हुए ताजिकिस्तान ने अफगान सीमा पर 20 हजार अतिरिक्त सैनिकों को तैनात किया है। वहां के राष्ट्रपति राखमोन ने सेना का आह्वान किया कि वे क्षेत्र की शांति और स्थिरता की रक्षा के लिए तैयार रहें।
1 लाख शरणार्थी आ सकेंगे ताजिकिस्तान
ताजिकिस्तान ने पड़ोसी देश अफगानिस्तान से एक लाख शरणार्थियों के प्रवेश की अनुमति दे दी है। बता दें कि रूस (Russia) अपने सहयोगी देश ताजिकिस्तान (Tajikistan) की मदद के लिए आगे आया है। ताजिक-अफगान सीमा पर नई चौकी का निर्माण किया जाना है और इसमें ताजिकिस्तान की मदद के लिए रूस ने हाथ बढ़ाया है। यह जानकारी वरिष्ठ रूसी राजनयिक ने दिया है। रूस के उपविदेशमंत्री आंद्रेइ रुदेन्को (Andrei Rudenko) ने गुरुवार को बताया, 'सीमा पर चौकी के निर्माण के लिए ताजिकिस्तान की सहायता के प्रविधानों के लिए समझौते पर हस्ताक्षर की तैयारी की जा रही है।'
ताजिकिस्तान में है रूस का सैन्य शिविर
उल्लेखनीय है कि रूस अपने एक सैन्य शिविर का संचालन ताजिकिस्तान में कर रहा है। बता दें कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेनाओं की वापसी हो रही है जो अगले माह के अंत तक पूरी हो जाएगी। इसके कारण वहां तालिबानियों ने की गतिविधियां बढ़ गई हैं और अब तालिबानी विद्रोहियों ने दावा किया है कि देश की सीमाओं समेत आधे से अधिक हिस्सों पर इनका कब्जा हो गया है। इस क्रम में महीने की शुरुआत में सैंकड़ों अफगान के नागरिक सीमा पार कर ताजिकिस्तान पहुंचे थे जिन्हें बाद में काबुल सरकार ने विशेष उड़ानों के जरिए वापस बुला लिया।