संयुक्त राष्ट्र में रूस का महिलाओं संबंधी प्रस्ताव खारिज, जानें- UN संघ के महासचिव ने क्या कहा

संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने कहा कि लैंगिक समानता पहला और महत्वपूर्ण सवाल है। दुनिया में हम अधिकांश स्थानों पर पुरुषों की प्रधानता ही देखते हैं जबकि विश्व में मात्र सात फीसद देशों का ही नेतृत्व महिलाएं करती हैं।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 04:44 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 04:44 PM (IST)
संयुक्त राष्ट्र में रूस का महिलाओं संबंधी प्रस्ताव खारिज, जानें- UN संघ के महासचिव ने क्या कहा
संयुक्त राष्ट्र में रूस का महिलाओं संबंधी प्रस्ताव खारिज।

संयुक्त राष्ट्र, एपी। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने वैश्विक शांति को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों में महिलाओं की समान भागीदारी के कदमों की 20 वीं वर्षगांठ पर रूस का प्रस्ताव खारिज कर दिया। प्रस्ताव का विरोध करने वालों का तर्क था कि यह मसौदा मानवाधिकारों और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में असफल है।

इस प्रस्ताव पर ईमेल से की गई वोटिंग में पांच देशों ने समर्थन किया, जबकि दस देश इस मतदान से दूर रहे। प्रस्ताव का समर्थन करने वालों में रूस, चीन, वियतनाम, इंडोनेशिया और दक्षिण अफ्रीका थे। अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी सहित दस देश प्रस्ताव से दूर रहे। प्रस्ताव को पारित करने के लिए नौ वोट का होना जरूरी था।

विरोध करने वाले देशों का कहना है कि रूस का यह प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र के सन 2000 में बनाए गए प्रारंभिक प्रस्ताव और उसके बाद दिए गए नौ प्रस्तावों को कमजोर करता।

संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने कहा कि लैंगिक समानता पहला और महत्वपूर्ण सवाल है। दुनिया में हम अधिकांश स्थानों पर पुरुषों की प्रधानता ही देखते हैं, जबकि विश्व में मात्र सात फीसद देशों का ही नेतृत्व महिलाएं करती हैं।

अमेरिका की राजनयिक केली क्राफ्ट ने कहा है कि रूस का प्रस्ताव महिला, शांति और सुरक्षा के मामलों पर बीस सालों से किए जा रहे प्रयासों पर विपरीत असर डालता।

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