रूस ने अमेरिका और चेक गणराज्य को प्रतिकूल देशों की सूची में डाला, जानें इसके मायने

रूस ने अमेरिका एवं चेक गणराज्य को विरोधी रुख रखने वाले देशों की सूची में शामिल कर दिया है। रूस के सरकारी कानूनी सूचना पोर्टल पर शुक्रवार को जारी दस्तावेज से यह जानकारी सामने आई है। इससे देशों के बीच तनाव और बढ़ेगा...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 06:44 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 06:47 PM (IST)
रूस ने अमेरिका और चेक गणराज्य को प्रतिकूल देशों की सूची में डाला, जानें इसके मायने
रूस ने अमेरिका एवं चेक गणराज्य को विरोधी रुख रखने वाले देशों की सूची में शामिल कर दिया है।

मास्को, आइएएनएस। रूस ने अमेरिका एवं चेक गणराज्य को विरोधी रुख रखने वाले देशों की सूची में शामिल कर दिया है। रूस के सरकारी कानूनी सूचना पोर्टल पर शुक्रवार को जारी दस्तावेज से यह जानकारी सामने आई है। दस्तावेज में रूस के राष्ट्रपति द्वारा 23 अप्रैल, 2021 को जारी आदेश का उल्लेख किया गया है। दस्तावेज के अनुसार, चेक गणराज्य के राजनयिक मिशन को 19 रूसी कर्मचारी रखने की अनुमति दी जाएगी जबकि अमेरिकी राजनयिक के लिए स्थानीय कर्मचारी रखना प्रतिबंधित होगा।

इससे पहले अप्रैल में पुतिन ने अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों के साथ राजनीतिक टकराव तेज हो जाने के बीच प्रतिकूल कार्रवाई से संबंधित आदेश पर हस्ताक्षर किए थे। सरकार तभी से रूसी फेडरेशन, रूसी नागरिकों या वैधानिक उद्यमों के लिए विरोधी कार्रवाई अमल में लाने वाले देशों की सूची तैयार कर रही है। ये देश सीमित संख्या में स्थानीय कर्मचारी रख सकेंगे या फिर राजनयिक मिशन में रूसी कर्मचारी को रखना उनके लिए प्रतिबंधित होगा।

इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने द्वितीय विश्वयुद्ध में मिली जीत की याद में निकाली गई परंपरागत परेड का निरीक्षण करते हुए अपने संदेश में कहा था कि दुर्भाग्य से एक बार फिर नाजियों की विचारधारा वाली चीजों को तैयार किया जा रहा है। ऐसा कट्टरपंथी और अंतरराष्ट्रीय आतंकी समूहों द्वारा ही नहीं हो रहा, बल्कि कुछ देश भी इसमें शामिल हैं। उनका उद्देश्य यूरोप में नव नाजीवाद की स्थापना करना है।

पुतिन ने कहा था कि रूस हर हाल में अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करेगा। वह अपने राष्ट्रीय हितों की सुरक्षा को सबसे ऊपर रखेगा। अब रूस ने अमेरिका एवं चेक गणराज्य को विरोधी रुख रखने वाले देशों की सूची में शामिल कर के एक और सख्‍त संदेश दिया है। रूस का यह रुख ऐसे समय आया है जब पश्चिमी देश जेल में बंद विपक्षी नेता एलेक्सई नवलनी को लेकर पुतिन की आलोचना कर रहे हैं।

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