अब रूस ने अमेरिकी राजनयिकों को दो महीने के भीतर देश छोड़ने का दिया आदेश

अमेरिका अपनी नीतियों में सुधार नहीं करता है तो अगले साल एक जुलाई तक उसके राजनयिकों के एक और बैच को रूस छोड़ना पड़ेगा। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि कितने अमेरिकी राजनयिक इस आदेश से प्रभावित होंगे।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 06:31 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 06:31 PM (IST)
अब रूस ने अमेरिकी राजनयिकों को दो महीने के भीतर देश छोड़ने का दिया आदेश
नए नियम के तहत 55 रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर चुका है अमेरिका

मास्को, आइएएनएस। अमेरिका की तरफ से अपने राजनयिकों को निष्कासित किए जाने के बाद रूस ने बराबर प्रतिक्रिया दी है। उसने अमेरिकी दूतावास में तैनात राजनयिकों के एक हिस्से को दो महीने के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोव ने बुधवार को साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, 'रूस स्थित अमेरिकी दूतावास में पिछले तीन साल से तैनात राजनयिकों को 31 जनवरी, 2022 तक देश छोड़ना होगा।' उन्होंने कहा कि अगर अमेरिका अपनी नीतियों में सुधार नहीं करता है तो अगले साल एक जुलाई तक उसके राजनयिकों के एक और बैच को रूस छोड़ना पड़ेगा। हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि कितने अमेरिकी राजनयिक इस आदेश से प्रभावित होंगे।

शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, अमेरिका ने रूस के 55 राजनयिकों को दो बैच में 30 जनवरी व 30 जून 2022 तक देश छोड़ने का आदेश दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने दिसंबर 2020 में वाशिंगटन स्थित रूसी दूतावास तथा न्यूयार्क व ह्यूस्टन स्थित महावाणिज्य दूतावासों में तैनात राजनयिकों के कार्यकाल को तीन साल तक सीमित करने का फैसला किया था।

अमेरिका ने इसे नजरअंदाज कर दिया : जखारोव

जखारोव ने कहा कि यह प्रतिबंध राजनयिक मानदंडों के खिलाफ और किसी देश के संप्रभु अधिकारों का अतिक्रमण है। रूस इस मुद्दे का रचनात्मक समाधान चाहता था, लेकिन अमेरिका ने इसे नजरअंदाज कर दिया। इसलिए, जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।

यूक्रेन के चलते दोनों देशों के बीच विवाद

गौरतलब है कि यूक्रेन के क्रीमिया पर रूस के कब्जे, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप, हैकिंग जैसे आरोपों के चलते अमेरिका और रूस के संबंधों में हाल के दिनों में काफी तल्खी आई है और दोनों ने एक दूसरे के राजनयिकों को निकालने तथा पाबंदियां लगाने जैसे कई कदम उठाए हैं।

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