रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के आलोचक नवलनी को मिली अस्पताल से छुट्टी, 32 दिन आइसीयू में रहे

रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के आलोचक अलेक्साई नवलनी को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। वो 32 दिनों से शारिटे अस्पताल में भर्ती रहे। इस अस्पताल में उन्हें कुल 24 दिन आईसीयू में रखा गया इस दौरान वह दो हफ्तों तक कोमा में रखे गए उन्हें एंटीडोट दिए जा रहे थे।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Wed, 23 Sep 2020 04:07 PM (IST) Updated:Wed, 23 Sep 2020 04:07 PM (IST)
रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के आलोचक नवलनी को मिली अस्पताल से छुट्टी, 32 दिन आइसीयू में रहे
नवलनी ने अपने इंस्टाग्राम पर ये ही फोटो शेयर की थी। (फाइल फोटो)

मॉस्को, रॉयटर्स/एएफपी। रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के आलोचक अलेक्साई नवलनी को बुधवार को अस्पताल से छुट्टी मिल गई। वो बीते 32 दिनों से शारिटे अस्पताल में भर्ती रहे। अस्पताल के डॉक्टरों ने उनकी सेहत में सुधार पाया, उसके बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।

बीते शनिवार को उन्हें अस्पताल की सीढ़ियों से उतरते हुए देखा गया था तब उन्होंने कहा था कि वो जल्द सभी के सामने होंगे। सीढ़ियों से अपने उतरने की तस्वीर उन्होंने खुद ही इंस्टाग्राम पर शेयर की थी। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि नवलनी की तबियत के बारे में जो जानकारी जनता के सामने रखी गई उसके बारे में पहले नवल्नी और उनकी पत्नी से सलाह मशविरा कर लिया गया था।

जर्मन सरकार का कहना है कि जर्मनी, फ्रांस और स्वीडन में हुए टेस्ट के नतीजे बताते हैं कि नवलनी को सोवियत काल के एक नर्व एजेंट के जरिए जहर दिया गया था। यह घटना 20 अगस्त की है जब वह एक घरेलू उड़ान के जरिए साइबेरिया से मॉस्को जा रहे थे लेकिन उड़ान के दौरान जब नवलनी की तबियत बिगड़ने लगी तो विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। 

नवलनी की प्रवक्ता ने कहा कि उन्होंने विमान में सवार होने से पहले एयरपोर्ट पर सिर्फ चाय पी थी। इसके बाद नवलनी को इलाज के लिए जर्मनी लाया गया, यहां शारिटे अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस अस्पताल में उन्हें कुल 24 दिन आईसीयू में रखा गया, इस दौरान वह दो हफ्तों तक चिकित्सीय कोमा में रखे गए क्योंकि उन्हें एंटीडोट दिए जा रहे थे।

अस्पताल से छुट्टी दिए जाने से पहले शनिवार को नवलनी ने अपनी एक फोटो पोस्ट की थी जिसमें वह सीढ़ियों से उतर रहे थे। अपनी तबियत बेहतर होने के लिए उन्होंने जर्मन डॉक्टरों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा कि बहुत सारी समस्याएं अब भी सुलझाई जानी बाकी हैं लेकिन शारिटे अस्पताल के जबरदस्त डॉक्टरों ने मुख्य समस्या को सुलझा दिया है।

जर्मनी के रासायनिक हथियार विशेषज्ञों ने पाया कि 44 साल के नवलनी को जहर दिया गया था। इसके बाद जर्मनी ने रूस की सरकार से इस मामले की पूरी जांच कराने की मांग की। उनके सहयोगी ने उन्हें जहर दिए जाने के पीछे रूसी सरकार का हाथ बताते हैं।

हालांकि रूस ऐसे आरोपों से इनकार करता है। इस बारे में कार्रवाई करने के लिए जब जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल और अन्य नेताओं ने फोन किया तो रूस की सरकार भड़क गई। रूस का कहना है कि उसे अभी तक नवलनी को जहर दिए जाने के सबूत नहीं दिए गए हैं और उसने अभी तक इस मामले की जांच शुरू करने से भी इनकार किया है।

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