यूरोपीय संघ और मास्को के रिश्तों में आती दिखाई दे रही है गरमाहट, लिथुवानिया ने किया आगाह
एक तरफ जहां यूरोपीय यूनियन रूस से संबंधों को सुधारने की कोशिश में लगा है तो दूसरी तरफ लिथुवानिया इसके लिए उसे आगाह करने पर तुला है। दरअसल जर्मनी और फ्रांस ने मिलकर रूस से बातचीत करने का प्रस्ताव दिया है।
मास्को (रॉयटर्स)। रूस और यूरोपीय संघ के बीच रिश्तों पर जमी बर्फ अब पिघलती दिखाई दे रही है। इसकी कोशिश एक तरफ से नहीं बल्कि दोनों ही तरफ से हो रही हैं। एक तरफ जहां जर्मनी और फ्रांस ने रूस से साथ में संबंधों को सुधारने और मजबूत करने की दिशा में कदम आगे बढ़ाया है तो वहीं रूस ने भी आगे बढ़कर इसका स्वागत किया है। आपको बता दें कि बीते कुछ माह में रूस और ईयू में काफी तनातनी देखने को मिली थी। इसकी एक वजह रूसी नेता नवलनी भी थे। अब फ्रांस और जर्मनी ने मिलकर रूस के साथ एक शिखर वार्ता करने का मन बनाया है।
क्रेमलिन की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि इस तरह की शिखरवार्ता की दोनों ही तरफ से काफी जरूरत थी। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कॉव ने पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए कहा कि रूस इस प्रस्ताव को काफी पॉजीटिव तरीके से ले रहा है। आपको बता दें कि ईयू और रूस के बारे में वर्ष 2014 के बाद से कोई शिखरवार्ता नहीं हुई है। इसलिए ये बेहद खास है। पेस्कॉव ने अपने बयान में कहा है कि फिलहाल अभी तक इस शिखर सम्मेलन के बारे में कोई तैयारी नहीं की गई है।
वहीं लिथुवानिया ने जर्मनी और फ्रांस को इसके लिए चेतावनी दी है। लिथुवानिया ने कहा है कि इस तरह की शिखरवार्ता से रूस के रवैये में कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लिथुवानिया के राष्ट्रपति का कहना है कि रूस से बातचीत करते समय राष्ट्रपति की नीयत को लेकर बेहद सतर्क रहने कीजरूरत है। उन्होंने ये भी कहा है कि रूस से बातचीत का ये आइडिया किसी भालू को शहद की रखवाली के लिए बिठाने जैसा ही है। इसलिए हमें बेहद सतर्क रहने की जरूरत है।