जानें, रूस में नवलनी के समर्थक क्‍यों नहीं ले सकेंगे संसदीय चुनाव में हिस्‍सा, पुतिन ने उठाया ये बड़ा कदम

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आतंकी संगठनों के सदस्यों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इस कदम के द्वारा जेल में बंद क्रेमलिन के धुर आलोचक अलेक्सी नवलनी के साथियों को इस साल होने वाले संसदीय चुनाव से अलग किया गया है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sat, 05 Jun 2021 08:27 PM (IST) Updated:Sat, 05 Jun 2021 11:39 PM (IST)
जानें, रूस में नवलनी के समर्थक क्‍यों नहीं ले सकेंगे संसदीय चुनाव में हिस्‍सा, पुतिन ने उठाया ये बड़ा कदम
रूस में नवलनी के समर्थक क्‍यों नहीं ले सकेंगे संसदीय चुनाव में हिस्‍सा। फाइल फोटो।

मास्को, एजेंसियां। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आतंकी संगठनों के सदस्यों के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इस कदम के द्वारा जेल में बंद क्रेमलिन के धुर आलोचक अलेक्सी नवलनी के साथियों को इस साल होने वाले संसदीय चुनाव से अलग किया गया है। बता दें कि रूस में नवलनी की बढ़ती लोकप्रियता से पुतिन की चिंता बढ़ गई थी। यही कारण है कि रूस में होने वाले संसदीय चुनाव में उनके समर्थकों को संसद में प्रवेश से रोकना उनकी बड़ी प्राथमिकता थी। इस कानून के पारित हो जाने के बाद अब नवलनी के समर्थकों का संसद में प्रवेश रुक जाएगा। इसके दो महीने पूर्व पुतिन ने संविधान में एक बड़ा संशोधन किया था। इसकी विपक्ष ने काफी निंदा की थी।

निचले सदन में प्रत्याशी बनने से प्रतिबंधित करेगा कानून

कोर्ट के नवलनी के भ्रष्टाचार विरोधी फाउंडेशन एवं रीजनल प्रचार समूहों को आतंकी होने के आधार पर गैरकानूनी ठहराने के बारे में विचार करने के कुछ दिनों पहले पुतिन ने कानून को मंजूरी दी है। यह कानून आतंकी घोषित समूहों के प्रमुखों या सदस्यों को संसद के निचले सदन ड्यूमा की सीट या किसी अन्य चुनाव में प्रत्याशी बनने से तीन से पांच वर्ष तक प्रतिबंधित करेगा। इस कानून से नवलनी के ल्यूबोल सोबोल समेत कुछ समर्थकों की संसदीय घोषणा पटरी से उतर सकती है। इन लोगों पर विपक्षी नेताओं के समर्थन में प्रदर्शन के लिए मामला चलाया जा रहा है।

अप्रैल, 2021 में पुतिन ने किया था बड़ा संशोधन

इसके पूर्व अप्रैल, 2021 में राष्‍ट्रपति पुतिन ने एक नए कानून पर हस्ताक्षर कर दिए थे। इस कानून पर हस्ताक्षर करने के साथ ही पुतिन के 2036 तक रूस की सत्ता में बने रहने का रास्ता साफ हो गया। रूस के संविधान के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति लगातार दो कार्यकाल से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता, ऐसे में पुतिन के समक्ष राष्‍ट्रपति पद पर बने रहने की चुनौती थी। इस नए कानून के आने के बाद पुतिन 2024 में फिर से राष्ट्रपति की दावेदारी पेश कर सकते हैं। पुतिन वर्ष 2018 में चौथी बार रूस के राष्ट्रपति बने थे और 2024 में उनका कार्यकाल खत्म होगा। इस कानून के बाद वह 2036 तक राष्ट्रपति बने रह सकते हैं। यह संविधान संशोधन इसलिए भी जरूरी था क्‍यों कि रूस में कोई भी व्यक्ति लगातार दो बार राष्ट्रपति नहीं बन सकता। पुतिन 2012 और 2018 में लगातार दो बार राष्ट्रपति चुने जा चुके हैं। ऐसे में वो 2024 में राष्ट्रपति की दावेदारी पेश नहीं कर सकते थे। इस कानून में संशोधन के बाद उन्हें फिर से 6-6 साल के दो कार्यकाल मिल जाएंगे।

कौन है नवलनी नवलनी रूस की सरकार के सबसे बड़े आलोचकों में से एक हैं। अगस्‍त 2019 में उनका नाम पूरी दुनिया में उस वक्‍त सुर्खियों में छाया था जब 20 अगस्‍त को साइबेरिया से वापस मास्‍को लौटते हुए नवलनी को विमान में चाय में मिलाकर खतरनाक जहर दिया गया था। इसको पीते ही उनकी तबियत खराब होने लगी और वो अचानक बेहोश हो गए थे। इसके बाद उन्‍हें वहीं के एक स्‍थानीय अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था।19 सितंबर 2019 को जर्मनी के अस्‍पताल में इलाज करवा रहे नवलनी ने कहा था कि वो जल्‍द ही पूरी तरह से ठीक होकर वापस रूस आएंगे। इसके बाद इस खबर ने जोर पकड़ा और इसके लिए रूस की सरकार को जिम्‍मेदार ठहराया जाने लगा। बीते वर्ष 30 दिसंबर 2019 को ही उनके खिलाफ रूस की सरकार ने दबाव बनाते धोखाधड़ी के नए मामले दर्ज किए थे। उन पर आरोप है कि एंटी करप्‍शन फाउंडे समेत अन्‍य संस्‍थाओं के लिए अरबों डॉलर की फंडिंग में धांधली किए जाने का आरोप है। उनके स्‍वदेश पहुंचने से पहले ही रूसी जांच एजेंसियों ने उनके खिलाफ जांच भी शुरू कर दी थी। इसके अलावा उनके ऊपर एक पुराने मामले में सजा के निलंबन की शर्तो का उल्लंघन किए जाने का भी आरोप लगा है।

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