शीतयुद्ध काल में डबल एजेंट रहे जॉर्ज ब्लैक का रूस में निधन, पुतिन ने शोक जताया

1961 में ब्लैक के रूसी एजेंट होने का ब्रिटेन को पता चला तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। मुकदमे में उन्हें 42 साल कैद की सजा सुनाई गई। लेकिन अक्टूबर 1966 में वह ब्रिटिश कैद से निकल भागने में कामयाब रहे और बचते हुए रूस पहुंच गए।

By Arun kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 26 Dec 2020 10:21 PM (IST) Updated:Sat, 26 Dec 2020 10:21 PM (IST)
शीतयुद्ध काल में डबल एजेंट रहे जॉर्ज ब्लैक का रूस में निधन, पुतिन ने शोक जताया
डबल एजेंट की भूमिका निभाने वाले पूर्व ब्रिटिश अधिकारी जॉर्ज ब्लैक

 मॉस्को, एपी। शीतयुद्ध काल में डबल एजेंट की भूमिका निभाने वाले पूर्व ब्रिटिश अधिकारी जॉर्ज ब्लैक का शनिवार को रूस में 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ब्लैक को लाजवाब पेशेवर और अदम्य साहस वाला व्यक्ति बताते हुए शोक व्यक्त किया है। 1966 में ब्लैक ब्रिटिश जेल से भागकर तत्कालीन सोवियत संघ पहुंच गए थे, तभी से वह रूस में रह रहे थे। उन्हें रूसी खुफिया संगठन में कर्नल का ओहदा दिया गया था। नीदरलैंड्स में जन्मे ब्लैक ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश खुफिया संगठन में नौकरी शुरू की थी।

कोरिया में तैनाती के दौरान वह पकड़े लिए गए और उन्हें उत्तर कोरिया में उन्हें बंदी बनाकर रखा गया। उत्तर कोरियाई इलाके में अमेरिका की बर्बर बमबारी को देखकर वह इतने व्यथित हुए कि उन्होंने सोवियत संघ की स्वैच्छिक सेवा करने का फैसला किया। 2017 में रूस की विदेशी खुफिया सेवा एसवीआर ने जारी बयान में यह बात कही है। इस प्रकार से ब्लैक ने अमेरिकी खेमे वाले ब्रिटेन के साथ ही रूस के लिए जासूसी शुरू कर दी। उन्होंने ब्रिटेन के कई अति गोपनीय दस्तावेज रूसियों को सौंपे।

1961 में ब्लैक के रूसी एजेंट होने का ब्रिटेन को पता चला, तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। मुकदमे में उन्हें 42 साल कैद की सजा सुनाई गई। लेकिन अक्टूबर 1966 में वह ब्रिटिश कैद से निकल भागने में कामयाब रहे और बचते हुए रूस पहुंच गए। उन्होंने स्वयं शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ के 600 साथियों के साथ विश्वासघात करने का दावा किया था। ब्लैक ने पिछले महीने अपने 98 वें जन्मदिन को जासूसी के मास्टर सर्गेई नारिशकिन के एक संदेश के साथ चिह्नित किया। इसमें उन्हें रूस की गर्म और ईमानदार इच्छाओं के लिए भेजा गया था। उनकी मृत्यु के समय वे सबसे पुराने केजीबी दिग्गज थे।

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