रूस में तीसरी लहर की आहट, कोविड-19 संक्रमण ने फिर पकड़ी रफ्तार, डेल्टा के बाद अब गामा वैरिएंट ने भी दी दस्तक

कोरोना वायरस का अल्फा से शुरू हुआ म्यूटेशन ग्रीक अल्फाबेट्स में आगे ही बढ़ता चला जा रहा है। अब रूस में वायरस का गामा वैरिएंट पाया गया है जिसके कुछ अंश पहली बार ब्राजील में सामने आए थे। अब वो यहां अपनी दस्तक दे रहा है।

By Amit KumarEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 08:54 PM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 08:54 PM (IST)
रूस में तीसरी लहर की आहट, कोविड-19 संक्रमण ने फिर पकड़ी रफ्तार, डेल्टा के बाद अब गामा वैरिएंट ने भी दी दस्तक
एक न्यूज एजेंसी ने एपिवैक कोरोना वैक्सीन डेवलपर के हवाले से ये जानकारी दी है।

मॉस्को,रॉयटर्स: कोविड-19 वायरस, अब ये कोई वायरस नहीं रहा है। अब ये बहरूपिया हो गया है, रोज नए रूप ले रहा है। वायरस का अल्फा से शुरू हुआ म्यूटेशन, ग्रीक अल्फाबेट्स में आगे ही बढ़ता चला जा रहा है। अब रूस में वायरस का गामा वैरिएंट पाया गया है, जिसके कुछ अंश पहली बार ब्राजील में सामने आए थे। अब वो रूस में अपनी दस्तक दे रहा है। एक न्यूज एजेंसी ने एपिवैक कोरोना वैक्सीन डेवलपर के हवाले से ये जानकारी दी है।

न्यूज एजेंसी की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, देश में इस वक्त डेल्टा वैरिएंट संक्रमण का प्रमुख कारण बना हुआ है। वहीं, प्रांत के अलग-अलग हिस्सों से गामा वैरिएंट संक्रमण के मामले भी सामने आ रहे हैं। साथ ही बताया जा रहा है कि कोविड-19 के डेल्टा और गामा वैरिएंट संक्रमण की नजर से दोनों ही गंभीर चिंता का विषय हैं। क्योंकि, ये दोनों ही वैरिएंट अत्यधिक संक्रामक हैं और बहुत तेजी के साथ फैल रहे हैं। साथ ही आशंका जाहिर की जा रही है कि, इन वैरिएंट पर वैक्सीन की प्रभावशीलता भी कम हो सकती है।

रूस में इस वक्त आधिकारिक तौर पर कोविड-19 टीकाकरण के लिए चार वैक्सीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिनमें एपिवैक कोरोना वैक्सीन पंजीकृत टीकों में दूसरे स्थान पर है। वहीं, साइबेरिया स्थित वेक्टर इंस्टीट्यूट द्वारा विकसित ‘स्पुतनिक वी’ देश में इस्तेमाल किए जाने वाला प्रमुख टीका है। रूस में इन दिनों कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके पीछे अत्यधिक संक्रामक डेल्टा वेरिएंट और टीकाकरण की धीमी रफ्तार को दोषी ठहराया जा रहा है। देश में गुरुवार के दिन, पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना संक्रमण के कुल 24हजार 471 नए मामलों की पुष्टि हुई, वहीं 796 मौतों दर्ज की गई थीं।

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