रूस के साथ गहराया तनाव, व्यापक पैमाने पर युद्धाभ्यास में जुटा NATO
रूस के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर हजारों नाटो सैनिक दर्जनों एयरक्राफ्ट सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। इस साल की शुरुआत में ही अमेरिका और नाटो के यूरोपीय सदस्य देशों के साथ बढ़ते तनाव के बीच रूस ने 2021 में 200 से ज्यादा मिसाइलों के परीक्षण की बात कही थी।
मास्को, एपी। रूस (Russia) के साथ बढ़ते तनाव के मद्देनजर हजारों नाटो (NATO) सैनिक, अनेकों वॉरशिप, दर्जनों एयरक्राफ्ट सैन्य अभ्यास कर रहे हैं। यह सैन्य अभ्यास अटलांटिक, समूचे यूरोप और काले सागर के क्षेत्रों में हो रहा हे। पिछले माह रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने यूक्रेन की सीमा के पास देश के पश्चिमी भाग में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती को नाटो से खतरे के बीच सैन्य अभ्यास की तैयारियों का हिस्सा बताया था।
हालांकि अमेरिका की ओर से इसपर चिंता जताते हुए रूस से तनाव घटाने की अपील की गई। अमेरिका ने तुर्की से यह भी कहा था कि दो अमेरिकी युद्ध पोत काला सागर में पांच मई तक रुकेंगे। काला सागर में अतीत में अमेरिकी युद्ध पोतों के निरंतर जाने से रूस नाराज रहा है। इस साल की शुरुआत में ही अमेरिका और नाटो के यूरोपीय सदस्य देशों के साथ बढ़ते तनाव के बीच रूस ने ऐलान किया था कि 2021 में वह 200 से ज्यादा मिसाइलों का परीक्षण करेगा।
रूस ने इससे पहले भी वर्ष 2020 में भी करीब 200 मिसाइलों का ही परीक्षण किया था। रूस इस समय अपनी आरएस-28 सरमत अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल को फ्लाइट ट्रायल के लिए तैयार कर रहा है। इसके बारे में कहा जाता है, यह मिसाइल किसी भी एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर सकती है। इस मिसाइल की विध्वंसक क्षमता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता कि इसके एक ही वार से पूरे फ्रांस को तबाह किया जा सकता है।
आरएस-18 मिसाइल अपने साथ एक विशाल थर्मोन्यूक्लियर बम या 16 छोटे परमाणु बम एक साथ ले जा सकती है। यही नहीं रूस की सुरक्षाबल चाहें तो थर्मोन्यूक्लियर बम के साथ छोटे परमाणु बम भी फिट करके इस मिसाइल को दाग सकते हैं। इस मिसाइल के बारे में खास बात यह है कि इसका एक-एक वॉरहेड अलग-अलग लक्ष्य को तबाह कर सकता है। आरएस-18 मिसाइल सोवियत डिजाइन पर आधारित एसएस-18 की जगह लेगी। एसएस-18 दुनिया की सबसे भारी अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल है।