पाकिस्तानी वायुसेना के खिलाफ गिलगिट बाल्टिस्तान में जोरदार प्रदर्शन, जबरन जमीन पर किया कब्जा

पीएफए ने अधिगृहीत खाली जगह को सरकारी भूमि घोषित कर दिया है जिसके लिए मुआवजे पर विचार नहीं किया जाएगा। दूसरी तरफ लोग अधिगृहीत जमीन के बदले प्रति कनाल (भूमि का पैमाना) 2.5 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 07:11 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 07:11 AM (IST)
पाकिस्तानी वायुसेना के खिलाफ गिलगिट बाल्टिस्तान में जोरदार प्रदर्शन, जबरन जमीन पर किया कब्जा
पीएफए ने जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजा देने से कर दिया है इन्कार

स्कार्दू, एएनआइ। पाकिस्तानी वायुसेना के खिलाफ गिलगिट बाल्टिस्तान के स्कार्दू में स्थानीय लोगों और संगठनों ने रविवार और सोमवार को जोरदार प्रदर्शन किया। लोग पाकिस्तानी वायुसेना (पीएफए) द्वारा स्कार्दू हवाईअड्डे के विस्तार के लिए जबरन जमीन अधिगृहीत करने और मुआवजा नहीं दिए जाने से गुस्से में हैं। पीएफए ने अधिगृहीत खाली जगह को सरकारी भूमि घोषित कर दिया है, जिसके लिए मुआवजे पर विचार नहीं किया जाएगा। दूसरी तरफ लोग अधिगृहीत जमीन के बदले प्रति कनाल (भूमि का पैमाना) 2.5 लाख रुपये की मांग कर रहे हैं।

यूकेपीएनपी ने संयुक्त राष्ट्र मनवाधिकार परिषद से की शिकायत

पाकिस्तानी वायुसेना के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के बीच इस बीच यूनाइटेड कश्मीर पीपुल्स नेशनल पार्टी (यूकेपीएनपी) ने गुलाम कश्मीर व गिलगिट बाल्टिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिता जताई है। यूकेपीएनपी ने जेनेवा में होने वाले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सैंतालीसवें सत्र के पहले परिषद के उच्चायुक्त को लिखे गए पत्र में लोगों का दर्द बयां किया है।                                                                   

पत्र के अनुसार, 'गुलाम कश्मीर व गिलगिट बाल्टिस्तान के स्थानीय लोगों को कोई भी राजनीतिक अधिकार प्राप्त नहीं है। जैसा कि मानवाधिकार संस्था भी बता चुकी है यहां की सरकार लोकतांत्रिक आजादी का दमन करती है और प्रेस का गला घोंटती है। इन इलाकों में अभिव्यक्ति की आजादी पर अंकुश लगाना सरकार की नीतियों में शामिल है। पिछले 74 वर्षो में इन इलाकोंका कोई विकास नहीं हुआ है। यहां तक कि लोगों को आधारभूत सुविधाएं भी नसीब नहीं हैं।'

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