CPEC के खिलाफ भारत-यूएस गठजोड़ से चिंता में पाकिस्‍तान, कहा- योजना को नाकाम करने की है कोशिश

सीपैक योजना के खिलाफ साथ आए भारत और अमेरिका से पाकिस्‍तान काफी परेशान दिखाई दे रहा है। पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री के विशेष सहायक का कहना है कि ये दोनों देश इस विशाल परियोजना को नाकाम बनाने की साजिश कर रहे हैं।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 10:39 AM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 10:40 AM (IST)
CPEC के खिलाफ भारत-यूएस गठजोड़ से चिंता में पाकिस्‍तान, कहा- योजना को नाकाम करने की है कोशिश
सीपैक को नाकाम करना चाहते हैं भारत और अमेरिका- पाकिस्‍तान

इस्‍लामाबाद (एएफपी)। पाकिस्‍तान-चीन आर्थिक कारिडोर के प्रमुख खालिद मंसूर ने भारत और अमेरिका पर आरोप लगाया है कि वो इस योजना को नाकाम करने के लिए षड़यंत्र रच रहे हैं। उनका ये बयान भारत में पाकिस्‍तान के पूर्व राजदूत अब्‍दुल बासित के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्‍होंने कहा था कि पाकिस्‍तान के हाथों से कश्‍मीर का मुद्दा फिसलता जा रहा है। उन्‍होंने ये बयान जम्‍मू कश्‍मीर में निवेश के लिए भारत से यूएई के एमओयू साइन होने की प्रतिक्रिया में दिया था। उन्‍होंने इसको भारत की एक बड़ी जीत बताया था। अब खालिद का बयान इस बात का संकेत भी है कि पाकिस्‍तान को अब इस योजना पर ग्रहण लगता हुआ दिखाई देने लगा है।

आपको बता दें कि भारत पाकिस्‍तान और चीन दोनों को ही इस योजना के बाबत आगाह कर चुका है कि ये उनके राज्‍य जम्‍मू कश्‍मीर से होकर गुजर रही है। इसलिए ये पूरी तरह से गैर कानूनी है। भारत की तरफ से गुलाम कश्‍मीर को वापस करने की भी बात कही हा चुकी है। इतना ही नहीं भारत ये भी साफ कर चुका है कि अब यदि पाकिस्‍तान से जम्‍मू कश्‍मीर को लेकर कोई वार्ता होगी तो इसमें केवल गुलाम कश्‍मीर को वापस लौटाने पर ही चर्चा संभव है।

अरबों डालर की इस परियोजना पर खालिद ने इंस्टिट्यूट आफ बिजनेस एडमिनिस्‍ट्रेशन में सीपैक समिट में बोलते हुए कहा कि भारत के साथ मिलकर अमेरिका पाकिस्‍तान की इकनामिक लाइफलाइन को खत्‍म करना चाहता है। बता दें कि खालिद सीपैक पर पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक हैं। इस दौरान उन्‍होंने कहा कि ये बात साफ है कि इस मुद्दे पर अमेरिका भारत के साथ खड़ा है। उनका कहना था कि मौजूदा रणनीतिक परिदृश्‍य में एक बात साफ है कि हमें अपनी स्थिति साफ करनी होगी। खालिद ये भी कहा कि भारत और अमेरिका अपने मकसद में सफल नहीं हो सकेंगे। उन्‍होंने ये भी कहा कि चीन के साथ पाकिस्‍तान के संबंध कभी कमजोर नहीं पड़ेंगे।

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