शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में इमरान को शामिल किए जाने का विरोध, ताजिकिस्तान में लोगों ने किया प्रदर्शन
ताजिकिस्तान में प्रदर्शनकारियों ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में पाकिस्तान को शामिल किए जाने का तीखा विरोध किया। ताजिक लोगों ने सरकार से राजधानी दुशांबे में एससीओ के आगामी शिखर सम्मेलन में इमरान खान के बहिष्कार की मांग की।
दुशांबे, आइएएनएस। अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद बदले वैश्विक परिदृय में हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के प्रमुखों की बैठक होने जा रही है। गौर करने वाली बात यह कि इस बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी शामिल होंगे। वचुअल माध्यम से आयोजित होने वाली इस बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिस्सा लेंगे। इस बैठक पर पूरी दुनिया की नजरें हैं लेकिन आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले पाकिस्तान को इसमें शामिल किए जाने का विरोध भी होने लगा है।
अफगानिस्तान के पंजशीर में पाकिस्तानी हस्तक्षेप से ताजिकिस्तान के लोग काफी नाराज हैं। समाचार एजेंसी आइएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक ताजिकिस्तान में प्रदर्शनकारियों ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में पाकिस्तान को शामिल किए जाने का तीखा विरोध किया। ताजिक लोगों ने सरकार से राजधानी दुशांबे में एससीओ के आगामी शिखर सम्मेलन में इमरान खान के बहिष्कार की मांग की।
दरअसल अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी से दुनिया में आतंकवाद के एकबार फिर हावी होने की आशंकाएं जताई जा रही हैं। यही नहीं दुनिया के तमाम मुल्कों में लोग अफगानिस्तान में सरकार गठन की प्रक्रिया में पाकिस्तान के दखल देने से नाराज हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख फैज हमीद के काबुल में जाने के बाद ताजिकिस्तान के लोगों में भी भारी नाराजगी है।
यही नहीं जातीय ताजिकों के खिलाफ हवाई हमले को लेकर भी पाकिस्तान के खिलाफ ताजिकिस्तान में भारी आक्रोश है। बता दें कि जातीय ताजिकों ने पंजशीर घाटी में तालिबान के विरोध का संकल्प लिया था। तालिकिस्तान के लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए इमोमाली रहमोन के नेतृत्व वाली सरकार से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में शामिल होने से रोकने की मांग की। बता दें एससीओ काउंसिल ऑफ स्टेट्स की बैठक राजधानी दुशांबे में 16 सितंबर से शुरू होने वाली है।