पाकिस्तान सरकार के साथ समझौते के बाद रिजवी समर्थकों का इस्लामाबाद मार्च स्थगित

प्रांतीय कानून मंत्री राजा बशारत ने एपी को बताया कि समझौते के तहत पंजाब सरकार रिजवी के खिलाफ आरोप वापस लेगी और विरोध मार्च के दौरान हिरासत में लिए गए सभी लोगों को मंगलवार तक रिहा कर देगी।

By Neel RajputEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 08:35 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 08:35 AM (IST)
पाकिस्तान सरकार के साथ समझौते के बाद रिजवी समर्थकों का इस्लामाबाद मार्च स्थगित
तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के प्रमुख को रिहा करने की मांग कर रहे

लाहौर, एपी। पाकिस्तान सरकार द्वारा कट्टरपंथी नेता साद रिजवी के खिलाफ लंबित आरोप हटाए जाने पर सहमति जताने के बाद रविवार को उनके समर्थकों ने इस्लामाबाद की तरफ निकाले जा रहे हजारों लोगों के मार्च को तीन दिन के लिए स्थगित कर दिया।

पार्टी समर्थकों ने शनिवार को पूर्वी शहर लाहौर से प्रस्थान किया। पुलिस के साथ उनकी लगातार दूसरे दिन झड़प हुई, जिन्होंने भीड़ पर आंसू गैस के गोले छोड़े। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के प्रमुख साद रिजवी को रिहा करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की खातिर उनके समर्थकों ने इस्लामाबाद पहुंचने के लक्ष्य के साथ एक दिन पहले अपनी यात्रा शुरू की। रिजवी को पिछले साल पैगंबर मुहम्मद के कार्टून के प्रकाशन को लेकर फ्रांस के खिलाफ प्रदर्शनों के चलते गिरफ्तार किया गया था।

प्रांतीय कानून मंत्री राजा बशारत ने एपी को बताया कि समझौते के तहत पंजाब सरकार रिजवी के खिलाफ आरोप वापस लेगी और विरोध मार्च के दौरान हिरासत में लिए गए सभी लोगों को मंगलवार तक रिहा कर देगी।लोगों को गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होने के लिए उकसाने के आरोप में रिजवी को पहले ही हिरासत में ले लिया गया था। यह स्पष्ट नहीं है कि उसे कब रिहा किया जाएगा। बशारत ने यह भी कहा कि समझौते में कहा गया है कि संघीय सरकार कार्टून के प्रकाशन पर फ्रांस के साथ राजनयिक संबंधों की समीक्षा के लिए टीएलपी के साथ पिछले समझौते का सम्मान करेगी।

सरकार को दो दिन का समय दिया

प्रेट्र के अनुसार, टीएलपी ने सरकार को पार्टी प्रमुख साद रिजवी को रिहा करने और फ्रांस के राजदूत के निष्कासन के लिए रविवार को दो दिन का समय दिया। ऐसा नहीं होने पर इस्लामाबाद में धरना देने की चेतावनी दी। हालांकि, टीएलपी के साथ बैठक के बाद पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री शेख राशिद ने कहा कि टीएलपी इस्लामाबाद की ओर मार्च नहीं करेगी, क्योंकि इसके कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया जाएगा।

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