चीन की घुसपैठ पर गुलाम कश्मीर के बड़े नेता ने जताया कड़ा एतराज, बताया क्षेत्र की शांति को खतरा

पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर के वरिष्ठ नेता सरदार शौकत अली कश्मीरी ने लद्दाख इलाके में चीन की घुसपैठ पर कड़ी आपत्ति जताई है। जानें उन्‍होंने क्‍या कहा है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 11 Jun 2020 10:43 PM (IST) Updated:Thu, 11 Jun 2020 10:43 PM (IST)
चीन की घुसपैठ पर गुलाम कश्मीर के बड़े नेता ने जताया कड़ा एतराज, बताया क्षेत्र की शांति को खतरा
चीन की घुसपैठ पर गुलाम कश्मीर के बड़े नेता ने जताया कड़ा एतराज, बताया क्षेत्र की शांति को खतरा

बर्न, एएनआइ। पाकिस्तान के कब्जे वाले गुलाम कश्मीर के वरिष्ठ नेता सरदार शौकत अली कश्मीरी ने भारत के लद्दाख इलाके में चीन की घुसपैठ पर कड़ा एतराज जताया है। कश्मीरी यूनाइटेड पीपुल्स नेशनल पार्टी के प्रमुख हैं और इस समय स्विट्जरलैंड में निर्वासन में रह रहे हैं। उन्होंने कहा, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन की सेनाएं जिस तरह से आमने-सामने हैं, उससे इलाके में तनाव बढ़ गया है और शांति व सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो गया है।

कश्मीरी ने कहा, 1947 में जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन शासक अपने इलाके का स्वतंत्र दर्जा बनाए रखने के इच्छुक थे। लेकिन पाकिस्तान ने इसका सम्मान नहीं किया। 22 अक्टूबर, 1947 को पाकिस्तानी सेना ने जम्मू-कश्मीर पर आक्रमण कर दिया। इसके बाद जो जबरन बंटवारा हुआ और खूनखराबा शुरू हुआ, वह आज तक जारी है। 1950 में चीन ने उत्तर-पूर्वी लद्दाख इलाके में अक्साई चिन को जाने वाली सड़क बनानी शुरू की।

उन्‍होंने कहा कि इस रोड का नाम एनएच 219 रखा गया। यह इलाके पर चीन का कब्जा करने का कदम था। इस रोड के बनने के बाद चीन ने अक्साई चिन में अपनी मौजूदगी को मजबूत कर लिया। 1962 में भारत के साथ युद्ध छेड़कर चीन ने जम्मू-कश्मीर के कुछ और हिस्से पर कब्जा कर लिया। इसके बाद 1963 में पाकिस्तान के तत्कालीन सैन्य शासक जनरल अय्यूब खान ने जम्मू-कश्मीर की कब्जे वाली हजारों वर्ग किलोमीटर जमीन चीन को उपहार स्वरूप दे दी।

शौकत अली कश्मीरी ने बताया कि इसे चीन-पाकिस्तान समझौते का नाम देकर औपचारिक रूप भी दे दिया गया। जबकि पाकिस्तान को ऐसा करने का अधिकार नहीं था। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में दाखिल दस्तावेज में खुद जम्मू-कश्मीर को विवादित क्षेत्र कहा है। ऐसे में वह विवादित क्षेत्र की जमीन को कैसे दूसरे देश को दे सकता है। बता दें कि मौजूदा वक्‍त में पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीनी सेना की मौजूदगी के बाद तनाव बना हुआ है। 

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