पाकिस्‍तान के इस्लामाबाद में हिंदू मंदिर स्थल पर निर्माण कार्य रोका गया, जानिए क्‍या है वजह

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में बनाए जाने वाले पहले हिंदू मंदिर के स्थल पर निर्माण कार्य रोक दिया गया है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Sun, 05 Jul 2020 06:09 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jul 2020 06:09 AM (IST)
पाकिस्‍तान के इस्लामाबाद में हिंदू मंदिर स्थल पर निर्माण कार्य रोका गया, जानिए क्‍या है वजह
पाकिस्‍तान के इस्लामाबाद में हिंदू मंदिर स्थल पर निर्माण कार्य रोका गया, जानिए क्‍या है वजह

इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में बनाए जाने वाले पहले हिंदू मंदिर के स्थल पर निर्माण कार्य रोक दिया गया है। योजना के अनुसार, कृष्ण मंदिर का निर्माण राजधानी के एच-9 प्रशासनिक डिवीजन में 20 हजार वर्ग फुट क्षेत्र में किया जाएगा। मानवाधिकार मामलों के संसदीय सचिव लाल चंद मल्ही ने हाल ही में मंदिर के लिए भूमि पूजन समारोह भी आयोजित किया था। समाचार पत्र 'डॉन' की खबर के अनुसार, राजधानी विकास प्राधिकरण (सीडीए) ने शुक्रवार को कानूनी कारणों का हवाला देते हुए मंदिर के भूखंड पर चारदीवारी का निर्माण रोक दिया।

बिल्डिंग कंट्रोल सेक्शन (बीसीएस) के अधिकारियों ने शुक्रवार को मंदिर के स्थल का दौरा कर निर्माण में व्यस्त लोगों से कहा कि उन्हें भवन योजना जमा करानी होगी और आगे बढ़ने से पहले उसे मंजूर कराना होगा। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सांसद मल्ही ने कहा, 'हमने नियमों का पालन किया है। मंदिर की चारदीवारी इसलिए जरूरी थी, क्योंकि मदरसे के छात्रों द्वारा समर्थित कुछ लोगों ने 2018 में भूखंड पर तंबू लगा दिया था। हमें राजधानी के प्रशासन की मदद से जगह खाली कराने में महीनों लग गए थे।'

सीडीए के प्रवक्ता मजहर हुसैन ने कहा कि नगर प्राधिकरण के भवन नियंत्रण कानून में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि भवन की योजना (मानचित्र) को मंजूरी मिलने तक किसी भी भूखंड पर कोई भी गतिविधि नहीं की जा सकती। मल्ही ने कहा कि पंचायत ने धार्मिक मामलों के मंत्रालय के समक्ष भवन योजना प्रस्तुत की थी और मंत्री पीर नूरुल हक कादरी ने मंदिर के निर्माण के लिए 10 करोड़ रुपये का अनुदान मांगने के लिए एक रिपोर्ट के साथ इसे प्रधानमंत्री इमरान खान को भेज दिया था। इमरान की सत्तारूढ़ तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के सहयोगी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू ने हाल ही में मंदिर निर्माण का विरोध करते हुए कहा कि यह इस्लाम की भावना के खिलाफ है।

गौरतलब है कि इस्लामाबाद में हिंदुओं की आबादी लगभग 3,000 है, जिसमें सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारी, कारोबारी और बड़ी संख्या में डॉक्टर शामिल हैं। श्री कृष्ण मंदिर का प्रबंधन हिंदू पंचायत इस्लामाबाद देखेगा।

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