आखिर कौन ये शकील, जिसको लेकर यूएस पर लगा है जेलब्रेक षड़यंत्र रचने का आरोप

अफरीदी का मामला इस बात का जीता जागता उदाहरण है कि पाकिस्‍तान किस तरह से आतंकियों की मदद करता है और उन्‍हें खत्‍म करने में साथ देने वालों को जेल में डाल देता है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Mon, 27 Aug 2018 10:55 AM (IST) Updated:Mon, 27 Aug 2018 10:55 AM (IST)
आखिर कौन ये शकील, जिसको लेकर यूएस पर लगा है जेलब्रेक षड़यंत्र रचने का आरोप
आखिर कौन ये शकील, जिसको लेकर यूएस पर लगा है जेलब्रेक षड़यंत्र रचने का आरोप

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। 2011 में ओसामा बिन लादेन को खोजने में सीआइए की मदद करने वाले डॉ. शकील अफरीदी को पाकिस्तान शासन ने पंजाब प्रांत की साहिवाल जेल में शिफ्ट किया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार साल में उनका ये दूसरी बार जेल ट्रांसफर है। पाक मीडिया के अनुसार अफरीदी को सुरक्षा कारणों से कड़ी सुरक्षा के बीच अदियाला जेल से साहिवाल जेल में शिफ्ट किया गया। पहले उनको पेशावर की जेल में रखा गया था लेकिन इसी साल अप्रैल माह में उन्हें पेशावर से रावलपिंडी की अदियाला जेल में शिफ्ट कर दिया गया। इसे लेकर कहा जा रहा था कि सीआइए अफरीदी को छुड़ाने के लिए जेलब्रेक की प्लानिंग बना रहा रही है, इसके चलते पाकिस्तान ने उन्हें शिफ्ट करने का फैसला लिया। हालांकि विदेशी मामलों के विभाग ने अफरीदी को अमेरिका को सौंपने जैसी संभावनाओं से साफ इन्कार किया है। उसका कहना है कि इसके लिए अमेरिका से कोई डील नहीं की गई है। बीती 3 अगस्त को अफरीदी की बेटी और बेटे ने उनसे अडियाला जेल में मुलाकात की थी। जहां तक शकील की बात है तो उन्‍हें जेल में बुरी तरह से टॉर्चर किया गया है। आज हम आपको इस शख्‍स के बारे में जानकारी दे देते हैं।

सिगरेट से जलाया गया

अफरीदी का मामला इस बात का जीता जागता उदाहरण है कि पाकिस्‍तान किस तरह से आतंकियों की मदद करता है और उन्‍हें खत्‍म करने में साथ देने वालों को जेल में डाल देता है। आलम यह है कि अफरीदी को अपने वकील से भी मिलने की इजाजत नहीं दी गई। आपको बता दें कि अमेरिका ने अफरीदी को जेल से रिहा करने की कई बार पाक सरकार से अपील की थी लेकिन हर हर बार इसको अपने आंतरिक मामले में हस्‍तक्षेप कहकर इस अपील को ठुकराता रहा है। फोक्‍स न्‍यूज और बीबीसी की खबर के मुताबिक अफरीदी ने एक इंटरव्‍यू के दौरान आईएसआई द्वारा उसे प्रताड़ना दिए जाने की बात कही थी। इसके मुताबिक उसको सिगरेट से जलाया गया और जानवरों की तरह उसे मारा गया था। जेल से अफरीदी ने फोक्‍स न्‍यूज को इंटरव्‍यू फोन पर दिया था। इस इंटरव्‍यू के बाद अफरीदी की सेल के बाहर तैनात दो सुरक्षाकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इन पर अफरीदी को फोन मुहैया करवाने का आरोप था। 

अफरीदी को रिहा करने के लिए ऑनलाइन पिटिशन

अफरीदी को जेल से रिहा करने की अपील पहले बराक ओबामा ने फिर डोनाल्‍ड ट्रंप ने भी की थी। ट्रंप का कहना था कि अफरीदी ने एक वैश्विक आतंकी को मारने में अमेरिका की मदद की, लिहाजा उसको तुरंत रिहा करना चाहिए। ओसामा को ढेर करने में अफरीदी की भूमिका अग्रणी रही है। उसने ही ओसामा के घर का पता लगाया और इस बात की तस्दीक की थी कि ओसामा वहां पर मौजूद है। इतना ही नहीं उसकी ही वजह से अमेरिका यह जान पाया था कि एबटाबाद के उस घर में कितने लोग मौजूद हैं। लेकिन आज यही शख्‍स की सलाखों के भीतर सड़ने को मजबूर है। हाल ये है कि अफरीदी का समर्थन करने वाले पेशावर जेल के उप-अधीक्षक की भी हत्या कर दी गई। इसके अलावा उसके एक वकील की भी सरेआम हत्‍या कर दी गई थी। यहां पर ये भी बता देना जरूरी होगा कि फर्जी टीकाकरण अभियान में डॉक्टर अफरीदी का जिसने साथ दिया उनको कहीं भी नौकरी पाने के लिए पाकिस्‍तान की सरकार ने अयोग्‍य करार दिया है। अफरीदी की रिहाई को लेकर अब तक कई ऑनलाइन पिटिशन भी फाइल की जा चुकी हैं।

पेशे से डॉक्‍टर हैं अफरीदी

ओसामा बिन लादेन को ढेर करवाने में जिस शख्‍स ने अमेरिका का साथ दिया वह पाकिस्‍तान का ही रहने वाला है और पेशे से डॉक्‍टर है। इसी आदमी ने एबटाबाद में एक फर्जी टीकाकरण अभियान शुरू किया था और ओसामा के डीएनए के लिए उसका खून का सैंपल पाने में कामयाब रहा था। इस श्‍ख्‍स का नाम डॉक्‍टर शकील अफरीदी है। ओसामा की मौत के बाद से ही पाकिस्‍तान सरकार ने इन्‍हें गिरफ्तार कर जेल में डाल रखा है। ओसामा के खात्‍मे के बाद अफरीदी को तोरखम बोर्डर पर देश छोड़कर भागने की कोशिश करते पकड़ा गया था। 23 मई 2012 को उसे देशद्रोह के आरोप समेत तीन अन्‍य मामलों में 33 वर्ष की सजा सुनाई गई थी। इस आदेश के खिलाफ अफरीदी ने ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाया जहां 29 अगस्‍त 2013 को इस मामले की दोबारा जांच करवाने का फरमान सुनाया गया। इसके बाद इसी वर्ष सरकार की तरफ से अफरीदी पर अपने मरीज की हत्‍या का एक मुकदमा दायर कर दिया गया, तभी से वह जेल की सलाखों के पीछे हैं।

जेल से बाहर करने का दबाव

अमेरिकी सरकार लंबे समय से पाक पर डॉ. शकील की रिहाई के लिए दबाव डाल रही है। पाकिस्तानी डॉक्टर के वकील कमर नदीम ने कहा, कई बार उनकी सजा कम की गई थी। उनके मुताबिक सरकार ने अपील मंजूर करते हुए उनकी सजा के दस साल और कम कर दिए थे। इसके बाद उन्‍हें रावलपिंडी की अदीला जेल स्थानांतरित किया गया था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी अभियान के दौरान कहा था कि मैं डॉक्टर शकील को दो मिनट में पाकिस्तान की जेल से छुड़ा सकता हूं और पाक अधिकारी एतराज भी नहीं करेंगे।

अफरीदी पर मरीज की हत्‍या का आरोप

पाकिस्‍तान ने शकील अफरीदी पर लादेन की हत्या में मदद करने के आरोप की जगह दूसरे ही आरोप लगाए गए हैं। उन पर खैबर आदिवासी क्षेत्र में आतंकियों की मदद करने और प्रतिबंधित आतंकी संगठन से जुड़ने और उसको मदद देने का आरोप है। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि अफरीदी ने 2011 में करीब 25 बार विदेशी खुफिया एजेंटों से मुलाकात की और उन्‍हें जरूरी दस्‍तावेज उपलब्‍ध करवाए थे। इसके अलावा अफरीदी को देश के लिए खतरा बताया गया है। 2012 से शकील अफरीदी को अपने वकील तक से मिलने नहीं दिया जा रहा है। जेल में उसे बस अपने परिवार से मिलने की अनुमति है। आपको ये जानकर हैरानी होगी कि अफरीदी की केस फाइल भी दो साल से लापता है। उनके वकील का यहां तक कहना है कि अदालत में केस लड़ने के लिए सरकारी वकील उपलब्ध नहीं है।

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