उर्दू को आधिकारिक भाषा बनाने में विफल इमरान सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने संघीय सरकार को उर्दू को आधिकारिक भाषा बनाने में विफल रहने पर फटकार लगाई है। पाकिस्तान के कार्यवाहक चीफ जस्टिस उमर अता बांदिआल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ एक अदालत की अवमानना याचिका की सुनवाई कर रही थी।

By TaniskEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 05:58 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 05:58 PM (IST)
उर्दू को आधिकारिक भाषा बनाने में विफल इमरान सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
उर्दू को आधिकारिक भाषा बनाने में विफल इमरान सरकार को कोर्ट की फटकार। (फोटो- एएनआइ)

इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने संघीय सरकार को उर्दू को आधिकारिक भाषा बनाने में विफल रहने पर फटकार लगाई है। पाकिस्तान के कार्यवाहक चीफ जस्टिस उमर अता बांदिआल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ एक अदालत की अवमानना याचिका की सुनवाई कर रही थी। यह याचिका उर्दू को आधिकारिक भाषा बनाने की मांग से संबंधित है। पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, जस्टिस बांदिआल ने कहा, 'मातृ भाषा और राष्ट्र भाषा के बगैर हम अपनी पहचान खो देंगे। फारसी और अरबी पूर्वजों की विरासत के रूप में सीखना चाहिए।'

पाकिस्तान के कार्यवाहक चीफ जस्टिस ने कहा कि शीर्ष कोर्ट ने 2015 में उर्दू को आधिकारिक भाषा बनाने के लिए कहा था। संघीय सरकार ऐसा करने में विफल रही। संविधान के अनुच्छेद 251 में क्षेत्रीय भाषाओं के साथ मातृ भाषा का उल्लेख है। इसके साथ ही कार्यवाहक चीफ जस्टिस ने पंजाब सरकार से पंजाब प्रांत में पंजाबी को आधिकारिक भाषा बनाने में विफल रहने पर जवाब मांगा है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पंजाब सरकार से प्रांत में पंजाबी आधिकारिक भाषा बनाने में विफल रहने पर जवाब मांगते हुए कहा, ' संविधान के अनुच्छेद 251 में क्षेत्रीय भाषाओं के साथ-साथ मातृभाषा का भी उल्लेख है।' इससे पहले दिसंबर 2015 में वकील कोकब इकबाल ने उर्दू का इस्तेमाल नहीं करने के लिए अदालत की अवमानना याचिका दाखिल कराई थी। एक नागरिक डा. समी ने पंजाब सरकार के खिलाफ प्रांत में पंजाबी आधिकारिक भाषा नहीं बनाने पर अवमानना याचिका दाखिल कराई थी। सुप्रीम कोर्ट ने संघीय और पंजाब सरकारों को नोटिस जारी करते हुए मामले की सुनवाई एक महीने के लिए स्थगित कर दी।

ट्रिब्यून के अनुसार इससे पहले जून में, प्रधानमंत्री इमरान खान ने में एक अधिसूचना में राष्ट्रीय भाषा को उचित सम्मान देने और उसी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सभी आधिकारिक कार्यक्रमों को उर्दू में आयोजित करने का निर्देश दिया था।' इसके अलावा इमरान ने कहा था कि वह राष्ट्रीय भाषा को बढ़ावा देने और उचित सम्मान देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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