भीषण गर्मी से झुलसा पाकिस्तान, कई शहरों में टूटा रिकॉर्ड, अस्पतालों में बढ़े हीटस्ट्रोक के मामले
भीषण गर्मी की मार झेल रहे पाकिस्तान में बिजली की मांग में तेजी आ गई है। इसकी वजह से कुछ क्षेत्रों में 20 घंटे तक ब्लैकआउट होने के साथ ही लगातार बिजली कटौती भी देखने को मिल रही है।
इस्लामाबाद, आइएएनएस। इस्लामाबाद सहित पाकिस्तान के कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है, जहां कई शहरों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया है। पाकिस्तान मौसम विभाग के अनुसार, क्षेत्रीय और वैश्विक जलवायु परिस्थितियों के कारण इस महीने पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान प्रांतों के मैदानी इलाकों में हीटवेव आने की संभावना है।
भीषण गर्मी के बीच देश में बिजली की मांग में अचानक तेज वृद्धि देखने को मिल रही है। इसके परिणामस्वरूप कुछ क्षेत्रों में 20 घंटे तक ब्लैकआउट के साथ लगातार बिजली कटौती हो रही है। ऊर्जा मंत्री हम्माद अजहर ने कहा, 'हम पिछले साल की तुलना में लगभग 15-20 प्रतिशत अधिक बिजली की मांग देख रहे हैं। हमने आज राष्ट्रीय ग्रिड में 1,200 मेगावाट जोड़ा है। कल एक और 1,000 मेगावाट जोड़ा जाएगा। इससे ज्यादातर समस्याएं खत्म हो जाएंगी।
सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ किरण रहमान ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ से बातचीत में कहा कि हाल के दिनों में अस्पतालों में हीटस्ट्रोक के ज्यादा मरीज देखे गए हैं।आगे स्थिति और खराब हो सकती है। लोगों को हीटस्ट्रोक से बचने के लिए सावधानियां बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, कि बहुत सारा पानी पीने और सीधे सूर्य के संपर्क से बचने से हीटस्ट्रोक को रोका जा सकता है।
रिफा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी, इस्लामाबाद के सार्वजनिक नीति और शासन विशेषज्ञ राशिद आफताब ने सिन्हुआ को बताया कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के कारण पाकिस्तान सहित अन्य देशों में अत्यधिक हीटवेव की आवृत्ति और अवधि अधिक तीव्र होती जा रही है। उन्होंने कहा कि चूंकि आने वाले वर्षों में भीषण गर्मी की घटनाएं और अधिक होने की उम्मीद है, इसलिए स्वास्थ्य, आजीविका और देश के समग्र आर्थिक विकास के मामले में पाकिस्तानी लोगों पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं।
पाकिस्तानी सांसद और जलवायु परिवर्तन पर नेशनल असेंबली की स्थायी समिति के सदस्य ताहिर सादिक ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के लिए शीर्ष 10 सबसे कमजोर देशों में से एक होने के नाते, पाकिस्तान ने कार्बन उत्सर्जन को कम करने और अत्यधिक गर्म मौसम के कारण होने वाली खाद्य और पानी की असुरक्षा से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं।