इमरान खान का छलका दर्द, कहा- इतना काम करने के बाद भी हमें क्‍लाइमेट समिट में नहीं बुलाया

अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने पाकिस्‍तान को क्‍लाइमेट चेंट समिट में शामिल नहीं करने के फैसले पर इमरान खान ने नाराजगी जताई है। उन्‍होंने कहा है कि पाकिस्‍तान ने इस दिशा में तेजी से काम किया है और सरकार के प्रयासों की सराहना भी हुइ है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Sun, 04 Apr 2021 11:40 AM (IST) Updated:Mon, 05 Apr 2021 07:20 AM (IST)
इमरान खान का छलका दर्द, कहा- इतना काम करने के बाद भी हमें क्‍लाइमेट समिट में नहीं बुलाया
पाकिस्‍तान को जलवायु सम्‍मेलन में नहीं बुलाया गया

नई दिल्‍ली (ऑनलाइन डेस्‍क)। प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिका द्वारा आयोजित किए जा रहे जलवायु परिवर्तन सम्‍मेलन में पाकिस्‍तान को आमंत्रित न किए जाने पर नाराजगी जताई है। इसको लेकर उनका दर्द ट्वीटर पर छलका है और उन्‍होंने इस दर्द को सिलसिलेवार तरीके से अपनी पोस्‍ट में बयां भी किया है। उन्‍होंने अपनी पोस्‍ट में लिखा है कि वो इस बात से हैरान है कि पाकिस्‍तान को जलवायु परिवर्तन में हिस्‍सा लेने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है, जबकि पाकिस्‍तान जलवायु परिवर्तन को लेकर लगातार वर्षों से काम कर रहा है। इतना ही नहीं देश और दुनिया ने उसके इन प्रयासों को न सिर्फ स्‍वीकार किया है बल्कि सराहा भी है। पाकिस्‍तान इस क्षेत्र से जुड़े अपने अनुभवों को किसी के साथ भी शेयर करने को तैयार है।

प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्विटर पर लिखी अपनी पोस्‍ट में कहा है कि उनकी सरकार ने जलवायु परिवर्तन की राह में कई काम किए हैं। उन्‍होंने लिखा है कि अमेरिकी फैसले के बाद पाकिस्‍तान में लगातार आवाजें उठ रही हैं जिनसे वो परेशान हैं। उनकी सरकार की पर्यावरण नीति हमारी अपने वाली पीढ़ियों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को ही प्रदर्शित करती है। पाकिस्‍तान की सरकार जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने और ग्रीन पाकिस्तान बनाने के प्रयास कर रही है। उन्‍होंने अपने एक ट्वीट में लिखा है कि ग्रीन पाकिस्तान की पहल के तहत सरकार ने देशभर में 10 करोड़ पेड़ लगाने, प्रकृति आधारित समाधान, नदियों की सफाई की शुरुआत की है।

खैबर पख्तूनख्वा में पिछले सात वर्षों में किए गए प्रयासों के तहत हमें अच्‍छा खासा अनुभव हासिल किया है। वहां पर पर्यावरण सरंक्षण को लेकर जारी सरकारी नीतियों को विश्‍व स्‍तर पर मान्यता भी मिली है। अंतरराष्‍ट्रीय मंच पर इन नीतियों की इसकी सराहना की जा रही है। अपने काम की बदौलत जो सरकार ने अनुभव हासिल किए हैं वो उन्‍हें किसी भी राज्य के साथ साझा करने और उनकी मदद करने के लिए तैयार हैं। अपने ट्वीट में उन्‍होंने लिखा है कि संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन 2021 के लिए उन्‍होंने पहले से ही प्राथमिकताएं तय कर रखी हैं।

आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने 22-23 अप्रैल को जलवायु परिवर्तन सम्‍मेलन (सीओपी26) को आयोजित किया है। इसमें दुनिया के करीब 40 देशों को आमंत्रित किया गया है। जलवायु परिवर्तन के लिए अमेरिकी राष्‍ट्रपति द्वारा नियुक्‍त विशेष दूत जॉन कैरी इन दिनों तीन एशियाई देशों की यात्रा पर हैं। 1 मार्च से शुरू हुई इस यात्रा में वो संयुक्‍त अरब अमीरात, भारत और बांग्‍लादेश जाएंगे।

पिछले दिनों उन्‍होंने इंटरनेशनल एटॉमिक एजेंसी के साथ भी इस मुद्दे बैठक की थी। इसको लेकर उन्‍होंने ट्वीट भी किया था। कैरी की इस यात्रा में भी पाकिस्‍तान को शामिल नहीं किया गया है। हालांकि अमेरिकी विदेश विभाग ने इस सप्‍ताह की शुरुआत में कहा था कि वो जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ विभिन्न स्तरों पर काम करने के लिए तैयार है। वाबजूद इसके पाकिस्‍तान को सम्‍मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है।

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